भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक : बाबा बजरंगदास
धनपतगंज के पीपरगांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन हुई कृष्ण बाललीला की कथा।
सुल्तानपुर (आरएनआई) 'भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी बहुत शिकायत आती थी इसके बाद भी ब्रजवासी उनसे अत्यंत स्नेह करते थे।' यह बातें बाबा बजरंगदास ने कहीं।
वह धनपतगंज क्षेत्र के पीपरगांव स्थित मजगीर बाबा धाम पर चल रही श्रीमद्भागवत पुराण कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण बाल लीला, कालिया मर्दन तथा गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुना रहे थे।
कृष्ण भगवान ने बाल लीलाओं के माध्यम से यह ज्ञान दिया कि धर्म की रक्षा के लिए अधर्म करने वालों का नाश करना भी जरूरी है । भगवान कृष्ण ने कंस द्वारा भेजे गए असुरों का वध किया एवं अंत में कंस का भी वध कर धर्म की रक्षा की।
दूसरे कथा व्यास सम्पूर्णानंद ने कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उसको मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत का उपहार देते हैं। बालघातिनी पूतना अविद्या की प्रतीक है ईश्वर हमेशा अविद्या का नाश करते हैं। मुख्य यजमान वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु व सुषमा रानी सिंह ने श्रीमद्भागवत पुराण व श्रीकृष्ण का पूजन कर आरती उतारी। आयोजन मंडल से जुड़े आदित्य कुमार सिंह ने अंगवस्त्र आदि देकर कथा व्यास व संगीतकारों को सम्मानित किया।
वंश बहादुर सिंह, सत्य प्रकाश सिंह,राम कुबेर सिंह, रामशंकर सिंह, अंगद कुमार सिंह , गौरव विक्रम सिंह दीपक , राघवेन्द्र विक्रम सिंह प्रिंस व कुशाग्र विक्रम सिंह छोटू समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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