बोहरा समाज का परम्परागत ईद मिलन का कार्यक्रम बोहरा मस्जिद में हुआ आयोजित
गुना (आरएनआई) दाऊदी बोहरा समाज द्वारा शुक्र को ईदुल फितर का त्यौहार बेहद सादगी के साथ मनाया गया। सुबह 5.45 पर फज्र की नमाज़ के साथ ईद का आग़ाज़ हुआ। 6.15 पर खुतबे की नमाज मुंबई से आए आमिल मुल्ला अली असग़र शेख मुर्तजा द्वारा बोहरा मस्जिद में पढ़ाई गई। खुतबे की नमाज के पश्चात उन्होंने पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन और उनके परिवार पर ढाये गए जुल्म का पुरदर्द बयान करते हुए कहा कि कोई भी खुशी इस गम के बिना न शुरू हो सकती है न खत्म हो सकती है। उन्होंने उपस्थित समाज बंधुओं को हिदायत देते हुए कहा कि हुसैन का गम पूरे जीवनकाल में कभी नहीं भुलाना है। इमाम हुसैन और उनके परिवार द्वारा दी गई कुर्बानी का दर्दनाक मंजर बयान किया तो समाजजन की आंखे भर आईं। उल्लेखनीय है कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन एवं उनके बच्चों, भाईयो सहित परिवार को 1400 साल पहले तीन दिन तक भूखा प्यासा रखकर बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। उस समय सीरिया और अरब की बादशाहत हड़पने तथा सत्ता कायम रखने की भूख में यजीद नामक दुराचारी शासक ने इस वारदात को अंजाम दिया था। छह माह के बच्चों तक का बेदर्दी से कत्लेआम किया गया था। इमाम हुसैन और उनके परिवार पर जालिम शासको द्वारा ढाये गये उस कहर को याद करके समाजजन ने मातम भी किया। इसके पश्चात अल्लाह से दुनिया की अमन चैन और बीमारी से मुक्ति की दुआ मांगी गई।
इसके बाद परम्परागत ईद मिलन का कार्यक्रम बोहरा मस्जिद में आयोजित हुआ जिसमें विभिन्न समाजो के अध्यक्ष, सामाजिक संगठनों के प्रमुख तथा समाजसेवा से सम्बध्द गणमान्य नागरिकों का गरिमामयी सम्मान किया गया। इस अवसर पर उपस्थित समूह ने मतदान की शपथ ली तथा चुनाव में अपने अमूल्य वोट के उपयोग का उपयोग अवश्य करने का प्रण लिया।
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