बेलगावी में बस कंडक्टर से मारपीट का मुद्दा गरमाया, कन्नड़ संगठनों की अपील पर आज कर्नाटक बंद
बंद को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस की 60 प्लाटून, 1200 होम गार्ड्स और पूरी सिविल औऱ ट्रैफिक पुलिस को बेंगलुरु शहर में तैनात किया गया है, ताकि बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

बेंगलुरु (आरएनआई) बीते दिनों बेलगावी में कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट के बस कंडक्टर से मारपीट का मामला गरमा गया है। इस घटना के विरोध में आज कन्नड़ संगठनों ने 12 घंटे का राज्यव्यापी बंद बुलाया है। राज्य के कई हिस्सों में बंद का असर दिखा है। बेंगलुरु में बंद का असर सामान्य है और अभी भी कई दुकानें और बाजार खुले हैं। बंद के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
बेंगलुरु में आज कन्नड़ संगठनों के सदस्यों ने मैसूर बैंक सर्कल पर इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन किया। बेंगलुरु के बीएमटीसी और केएसआरटीसी बस स्टैंड पर भी विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पीड़ित बस ड्राइवर और कंडक्टर के समर्थन में बंद बुलाया है। कई प्रदर्शनकारियों ने बसों को रोकने की कोशिश की तो पुलिस ने एहतियातन उन्हें हिरासत में ले लिया। कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट की बसें सामान्य तरीके से संचालित हो रही हैं। बेलगावी में महाराष्ट्र की बसों की आवाजाही प्रभावित हुई है। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने चेतावनी दी है कि जो भी कानून को अपने हाथ में लेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बंद को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस की 60 प्लाटून, 1200 होम गार्ड्स और पूरी सिविल औऱ ट्रैफिक पुलिस को बंगलूरू शहर में तैनात किया गया है, ताकि बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और बंद के दौरान कानून का पालन करने को कहा। कई संगठनों ने इस बंद से दूरी बनाकर रखी है और कुछ ने सिर्फ मौखिक समर्थन देने का एलान किया है। जरूरी और आपात सेवाएं पहले की तरह ही संचालित हो रही हैं।
लेबर काउंसिल के अध्यक्ष और कन्नड़ कार्यकर्ता रवि शेट्टी ने राज्य सरकार पर उनके विरोध प्रदर्शन को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 'हम लोगों को बंद का समर्थन करने के लिए समझा रहे हैं, लेकिन पुलिस हमें रोक रही है। सरकार हमें नोटिस भेज रही है। हम क्या गुंडे हैं?'
बेलगावी (पूर्व में बेलगाम) आजादी के बाद बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। साल 1956 में जब भाषाई आधार पर मैसूर राज्य का गठन हुआ तो बेलगावी को मैसूर राज्य का हिस्सा बना दिया गया। महाराष्ट्र, बेलगावी पर अपना दावा जताता है क्योंकि बेलगावी में कई हिस्से ऐसे हैं, जहां प्रमुख भाषा मराठी है। वहीं कर्नाटक बेलगावी पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है और उनका कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, जो सीमा समझौता हुआ है, वह अंतिम है। दोनों राज्य इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं। बीते दिनों बेलगावी में एक कर्नाटक परिवहन निगम की बस के कंडक्टर और ड्राइवर को मराठी भाषा न बोलने के लिए कथित तौर पर पीटा गया, जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच का यह विवादित मुद्दा फिर से गरमा गया।
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