बेंजामिन नेतन्याहू की जिंदगी के अनसुने पहलू
पिछले हफ्ते आज ही के दिन हमास ने इस्राइल में हमला किया था। उसके बाद से इस्राइली सेना और हमास के बीच लगातर युद्ध छिड़ा हुआ है। इस बीच लोग इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भी चर्चा कर रहे हैं। लोगों को उनके बारे में जानने की दिलचस्पी हो रही है। तो आइये जानते हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू के बारे में...
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इस दौरान नेतन्याहू ने ऑपरेशन इनफर्नो, ऑपरेशन गिफ्ट और ऑपरेशन इसोटॉप सहित कई बड़े सैन्य अभियानों में भाग लिया। इसके अलावा उन्होंने कई वॉर ऑफ अट्रिशन, योम किप्पूर जैसे बड़े युद्धों में इस्राइली सेना की ओर से भाग लिया। किप्पूर युद्ध में अपनी वीरता के लिए उन्हें कैप्टन का तमगा मिल गया।
उस दौरान सेना की वर्दी में कमांडों के रूप में नेतन्याहू की आकर्षक तस्वीरें इस्राइल के युवाओं के बीच खासी लोकप्रिय हुआ करती थी। खासकर युवतियों के बीच शानदार कद काठी वाले नेतन्याहू का जबरदस्त क्रेज हुआ करता था।
इसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया और लिकुड पार्टी से नेसेट के सदस्य (सांसद) बन गए। साल 1993 में नेतन्याहू लिकुड पार्टी के प्रमुख बन गए। तीन साल बाद ही 1996 में अपनी जबरदस्त लोकप्रियता के चलते वह सबसे कम उम्र में देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में सफल रहे। नेतन्याहू ने निवर्तमान लेबर पार्टी के उम्मीदवार शिमोन पेरेज को चुनाव में करारी शिकस्त दी।
हालांकि, तीन साल बाद ही 1999 में हुए आम चुनावों में उन्हें लेबर पार्टी के उम्मीदवार एहुद बराक के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद उन्होंने प्राइवेट सेक्टर की ओर रुख कर लिया। हालांकि, वह ज्यादा दिन तक राजनीति से दूर नहीं रह सके और साल 2002 में फिर वापस लौटे और प्रधानमंत्री एरियल शेरोन की सरकार में विदेश और वित्त मंत्री का पद संभाला।
2009 में हुए आम चुनावों में वह गठबंधन सरकार में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और साल 2013 के चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार प्रधामनंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। वर्षों तक प्रधानमंत्री रहने के बाद भी उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। यही कारण है कि साल 2015 में हुए आम चुनावों में एक बार फिर वह प्रधानमंत्री चुन लिए गए। इसके साथ ही चौथी बार प्रधानमंत्री बने नेतन्याहू ने देश के संस्थापक रहे बेन गुरियर के चार बार प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
प्रधानमंत्री के रूप में नेतन्याहू की पांचवीं पारी मई 2020 में शुरू हुई। इस दौरान उन्होंने बैनी गैंज की पार्टी ब्लू एंड व्हाइट के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। 2022 के आम चुनावों के बाद एक बार फिर नेतन्याहू ने गठबंधन सरकार बनाई और छठी बार दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री बने।
इसके बाद सारा बेन-आरत्जी के रूप में नेतन्याहू की जिंदगी में तीसरी पत्नी आईं। सारा तलाकशुदा महिला थीं और जब दोनों की मुलाकात हुई, तब वह फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी कर रही थीं। दोनों ने 1991 में शादी की, जिनसे दो बच्चे याइर और अवनेर हुए।
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