बेंगलुरु में हो रहा है ‘कट्टर भष्टाचारी सम्मेलन’: प्रधानमंत्री का विपक्ष पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए बेंगलुरू में हो रही उनकी बैठक को ‘कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन’ करार दिया और दावा किया कि देश के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को वापस लाने का मन बना चुके हैं।

Jul 18, 2023 - 13:00
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बेंगलुरु में हो रहा है ‘कट्टर भष्टाचारी सम्मेलन’: प्रधानमंत्री का विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

पोर्ट ब्लेयर, 18 जुलाई 2023, (आरएनआई)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए बेंगलुरू में हो रही उनकी बैठक को ‘कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन’ करार दिया और दावा किया कि देश के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को वापस लाने का मन बना चुके हैं।

यहां के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये एकीकृत टर्मिनल का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि एकजुट हो रहे विपक्षी दलों के लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं, बल्कि अपने बच्चों व भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है और ‘अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ’ ही इनकी एकमात्र विचारधारा है।

बेंगलुरु की बैठक का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आप देखिए, यह लोग कितने चेहरे लगा कर बैठे हैं। जब यह लोग कैमरे के सामने एक फ्रेम में आ जाते हैं तो पहला विचार देश के सामने यही आता है… पूरा फ्रेम देख करके देशवासी यही बोल उठता है… लाखों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार। यह तो कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है। लेबल कुछ और लगाया है, माल कुछ और है। इनका उत्पाद है 20 लाख करोड़ रुपए के घोटाले की गारंटी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं, बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है-अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के 75 साल बाद हमारा भारत कहां से कहां पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है। लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ हमेशा भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया है।’’

मोदी ने दावा किया कि आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार ‘हमारी सरकार’ वापस लाने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में भारत की बदहाली के लिए जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोल कर बैठ गए हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ ‘लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए’ है लेकिन इन परिवारवादी पार्टियों का एक ही मंत्र है और वह है ‘परिवार का, परिवार द्वारा, परिवार के लिए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के लिए, उनका परिवार सबसे पहले है और राष्ट्र कुछ भी नहीं है।

विपक्ष के कई दलों के शीर्ष नेता मंगलवार को बेंगलुरु में औपचारिक रूप से मंत्रणा के लिए जुटे हैं कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए।

कांग्रेस ने दावा किया है कि इस बैठक में 26 विभिन्न दलों के नेता शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों की इस बैठक पर तंज कसते हुए अवधी भाषा की एक कविता की कुछ पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 (2024) के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।’’

मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के नेता देश के लोकतंत्र और संविधान को ‘अपना बंधक’ बनाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा – नफरत है घोटाले हैं, तुष्टीकरण है मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है।’’

मोदी ने कहा कि ‘इनकी दुकान’ पर दो चीजों की गारंटी मिलती है और वह गारंटी है ‘जातिवाद का जहर’ और ‘असीमित भ्रष्टाचार’।

विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बिहार में अपराध व कानून व्यवस्था के हाल के लिए नीतीश कुमार, बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के लिए ममता बनर्जी, दिल्ली में कथित शराब घोटाले के लिए अरविंद केजरीवाल, भ्रष्टाचार के ही मुद्दे पर स्टालिन और अपराध के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत पर निधाना।

उन्होंने कहा, ‘‘कहीं बाढ़ घोटाला होता है, किसी का अपहरण होता है तो कुनबे के सारे लोग चुप हो जाते हैं। पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में सरेआम हिंसा हुई, लगातार खून-खराबा हो रहा है, इस पर भी इन सबकी बोलती बंद है।’’

मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में भ्रष्टाचार और घोटाले के अनेक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनके कुनबे के सारे दलों ने पहले ही सबको क्लीनचिट दे दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में बेटियों से अत्याचार हो या परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हों, इन्हें कुछ दिखाई नहीं पड़ता। परिवर्तन की बातें करके जनता से विश्वासघात करके जब करोड़ों का शराब घोटाला करते हैं, तो ये कुनबा फिर उन्हें कवर देने लगता है।’’

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पिछले नौ साल में हुए विकास कार्यो का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा और कुछ दलों की ‘स्वार्थ भरी राजनीति’ के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिनमें इनका खुद का भला हो, इनके परिवार का भला हो। नतीजा ये हुआ कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों और द्वीपों की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।’’

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