बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर खारे पानी के महासागर का संकेत, धरती से दोगुना है पानी
विज्ञान की दुनिया में अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल और विस्तार के बावजूद ब्रह्मांड के कई रहस्य आज भी रोमांचित करते हैं। ऐसी ही एक खोज नासा ने की है। इसके अनुसार, बृहस्पति के चंद्रमा- यूरोपा के नीचे बड़े खारे पानी के महासागर के छिपे होने की संभावना है।
अमेरिका, (आरएनआई) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी- नासा ने कहा कि बृहस्पति के चंद्रमा के नीचे खारे पानी का बड़ा महासागर के छिपे होने की संभावना है। नासा का अंतरिक्ष यान जूनो 2016 से यूरोपा सहित बृहस्पति पर मौजूद वातावरण और अंतरिक्ष प्रणाली का अध्ययन कर रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर नासा की इस अपडेटेड तस्वीर को इंस्टाग्राम पर 4.13 लाख से अधिक लाइक्स मिले हैं।
हबल, जूनो अंतरिक्ष यान और वेब टेलीस्कोप से कई अहम आंकड़े जुटाए गए हैं। आंकड़ों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार, बृहस्पति के चंद्रमा- यूरोपा के बर्फीले, गड्ढों वाली परत के नीचे खारे पानी का एक बड़ा महासागर छिपा हो सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यूरोपा के महासागर में पृथ्वी के महासागर की तुलना में दोगुना पानी है।
नासा ने इंस्टाग्राम पर जो फोटो शेयर की है, उसे 29 सितंबर, 2022 को 945 मील (1,521 किमी) की ऊंचाई पर कैप्चर किया गया था। नासा का अंतरिक्ष यान जूनो लगभग सात साल से (2016 में शुरुआत हुई) बृहस्पति प्रणाली का अध्ययन कर रहा है। स्टडी में यूरोपा भी शामिल है। पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज कर रहे नासा वैज्ञानिकों के अनुसार सौर मंडल में सबसे आशाजनक ग्रहों में से एक बृहस्पति है।
नासा ने बताया कि गैलीलियो, नासा हब्बल, जूनो और हाल ही में, नासा वेब्ब सहित दूरबीनों और अंतरिक्ष यानों की मदद से जोवियन चंद्रमा का अध्ययन किया गया है। इनकी मदद से चंद्रमा पर कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगाया है। चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए एक नया मिशन निर्धारित किया गया है।
नासा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, यूरोपा क्लिपर अक्टूबर 2024 में लॉन्च किया जाएगा। उन स्थितियों की खोज की जाएगी जो जीवन को आश्रय दे सकती हैं। इन ग्रहों पर मानव जीवन की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। इंस्टा पोस्ट के बाद से बृहस्पति की सबसे ताजा तस्वीर को 2.97 लाख से अधिक यूजर्स पसंद कर चुके हैं। लोग इस तस्वीर पर जमकर कमेंट्स भी कर रहे हैं।
लाइक्स और टिप्पणियों की बौछार के बीच एक यूजर ने लिखा, "निश्चित रूप से उस विशाल महासागर में जलीय या सूक्ष्मजीवी जीवन का कोई न कोई रूप मिलने की संभावना है। जितनी जल्दी हो सके, नासा को उप-सतह की जांच करने की जरूरत है।
खगोल विज्ञान में रूचि रखने वाले एक अन्य यूजर ने कहा कि हम बृहस्पति को करीब से देख सकते हैं। इस यूजर ने कहा कि अधिक समस्या महासागर के साथ वायुमंडलीय नाइट्रोजन की परत भी हो सकती है। तीसरे सोशल मीडिया यूजर ने इंस्टाग्राम पर कमेंट किया, "चांद की खूबसूरत तस्वीर।
जेम्स वेब्ब स्पेस टेलीस्कोप ने बृहस्पति के आकार के ''ग्रहों'' को देखा था। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये ग्रह अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से तैर रहे हैं। खगोल विज्ञानियों के अनुसार ये ग्रह किसी तारे से जुड़े नहीं हैं। इनको ज्यूपिटर मास बाइनरी ऑब्जेक्ट्स या 'JuMBOs' उपनाम दिया गया है।
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