बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 343 परियोजनाओं की लागत 4.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 343 परियोजनाओं की लागत तय अनुमान से 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।

Jan 22, 2023 - 16:30
 0  405
बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 343 परियोजनाओं की लागत 4.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

नयी दिल्ली, 22 जनवरी 2023, (आरएनआई)। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 343 परियोजनाओं की लागत तय अनुमान से 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।

मंत्रालय की दिसंबर, 2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,438 परियोजनाओं में से 343 की लागत बढ़ गई है, जबकि 835 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,438 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,35,794.75 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 24,86,069.52 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 22.12 प्रतिशत यानी 4,50,274.77 करोड़ रुपये बढ़ गई है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर, 2022 तक इन परियोजनाओं पर 13,45,794.16 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 54.13 प्रतिशत है।

हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 673 पर आ जाएगी।

वैसे इस रिपोर्ट में 342 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 835 परियोजनाओं में से 160 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 134 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 411 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 130 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी से चल रही हैं।

इन 835 परियोजनाओं में हो रहे विलंब का औसत 40.5 महीने है।

इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है।

इनके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, परियोजना की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.