बीड सरपंच हत्या मामला: 'मैं अभिमन्यु नहीं, बल्कि अर्जुन हूं', खुद पर लगे आरोप पर मंत्री धनंजय मुंडे
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि अपराध का कोई जाति या धर्म नहीं होता, लेकिन इस घटना को लेकर जानबूझकर एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने रविवार को महाभारत का उदाहरण देकर कहा कि उन्हें घेरना असंभव है क्योंकि वह अभिमन्यु नहीं, महान तीरंदाज अर्जुन हैं। मुंडे इस समय विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के नेताओं के निशाने पर हैं। उन पर बीड के सरपंच संतोष देशमुख की अपहरण और हत्या में शामिल होने का आरोप है।
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के पीछे एक बड़ी जबरन वसूली का मामला है। बीड जिले में पवन चक्कियां स्थापित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से कथित तौर पर दो करोड़ रुपये की वसूली की जा रही थी। देशमुख ने इस जबरन वसूली का विरोध किया था, जिसके बाद नौ दिसंबर को उनका अपहरण किया गया और फिर हत्या कर दी गई। उनकी मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया, जिसके बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, कुछ दिन पहले, महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड ने पुणे में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। कराड को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। अभी तक कुल सात आरोपी इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले के बाद कई नेताओं ने मुंडे से सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है।
एनसीपी के विधायक मुंडे ने शिरडी में एक पार्टी सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि वह इस बात से ज्यादा दुखी हैं कि इन नेताओं में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता भी शामिल हैं। महायुति में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेता जानबूझकर उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस समय मुश्किलों में उनके साथ खड़े उपमुख्यमंत्री अजित पवार का आभार व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा, 'कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे घेरने की कोशिश करना बेकार होगा, क्योंकि मैं अभिमन्यु नहीं, अर्जुन हूं। कुछ नेता झूठी जानकारी अजित दादा तक पहुंचा रहे हैं, जो इस कठिन समय में मेरे साथ खड़े हैं।'
महाभारत में अभिमन्यु को उनके विरोधी चक्रव्यूह में फंसाने में कामयाब रहे थे। उसके बाद उन्हें मार गिराया था।
मुंडे ने इस घटना को दुखद बताया और कहा कि वह हमेशा चाहते थे कि दोषियों को फांसी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अपराध का कोई जाति या धर्म नहीं होता, लेकिन इस घटना को लेकर जानबूझकर एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
देशमुख की हत्या ने राज्य में हिंसक प्रदर्शन और जातिवाद पर आधारित विवादों को जन्म दिया है, क्योंकि अधिकांश आरोपी वंजारी समुदाय से हैं, जबकि देशमुख मराठा समुदाय से थे। मुंडे ने पवार के समर्थन का आभार व्यक्त किया और कहा कि दादा को इस समर्थन के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।
एनसीपी नेता ने कहा कि उन्होंने 2014 और 2019 के बीच तत्कालीन भाजपा-शिवसेना सरकार (देवेंद्र फडणवीस की) के खिलाफ कई अभियान चलाए थे। नवंबर 2019 में शपथ ग्रहण से पहले, मैंने अजित दादा को उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल नहीं होने के लिए कहा था। वह आगे बढ़े, लेकिन मैंने सजा भुगती।
नवंबर 2019 में, एक आश्चर्यजनक कदम के तहत, पवार ने फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई, जो केवल 80 घंटे तक चली। पवार वापस एनसीपी में चले गए, जिसने कांग्रेस और (अविभाजित) शिवसेना के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एमवीए सरकार बनाई। 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, मुंडे ने कहा कि उन्हें एनसीपी उम्मीदवार सुनेत्रा पवार के लिए प्रचार करने के लिए बारामती नहीं जाने के लिए कहा गया था क्योंकि यह अजित पवार के लिए सिरदर्द होगा।
उन्होंने एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, 'मैं फिर भी (बारामती में) प्रचार करने गया। मैंने ठाणे में पार्टी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया और यही कारण है कि ठाणे के नेता मुझे निशाना बनाने के लिए बीड आ रहे हैं।'
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