बिहार मेँ एफिलिएटेड कालेजों का हाल ख़राब
आर.के.राय/प्रो.अरुण कुमार
समस्तीपुर/मधुबनी (आरएनआई) बिहार के एफिलिएटेड डिग्री कालेजों में शिक्षक और कर्मचारियों का हाल बेहाल है। समय से सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान राशि नहीं मिलने से वे दाने दाने को मोहताज बने हैं।
वर्ष 2009 में राज्य सरकार ने छात्रों की परीक्षा परिणाम आधारित अनुदान देना शुरू किया था लेकिन वर्ष 2016 के बाद सरकार ने कोई राशि निर्गत नहीं की है।
उधर एफिलिएटेड कालेजों के शिक्षक और कर्मचारियों के बेहतरी के लिए पटना उच्च न्यायालय और बिहार के राज्यपाल के आदेशानुसार शिक्षा विभाग ने कालेजों की समस्त आय की 70 प्रतिशत राशि वेतन मद में भुगतान का आदेश दिया।
इस संबंध में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव के द्वारा पत्र जारी कर सभी संबद्ध डिग्री कॉलेजों के अध्यक्ष, सचिव, प्रधानाचार्य और प्रभारी प्रधानाचार्य को निर्देश दिया कि समस्त आय की 70 प्रतिशत राशि वेतन मद में अनुदान के साथ भुगतान कर उपयोगिता प्रमाण पत्र शीध्र समर्पित करें।इस आदेश का असर नहीं के बराबर हुआ।
एफिलिएटेड कालेजों के दबंग प्रबंधनों की मनमानी के आगे विश्वविद्यालय प्रशासन की नहीं चली और इन कालेजों में काम करने वाले शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों की स्थिति बद से बदतर बनी रही।इन कर्मियों की स्थिति यह है,कि बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, बिजली का बिल, अखबारों का बिल, यहां तक कि अपने लिए दवा की खरीद भी समस्या बनी हुई है।
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