बिहार के 12 जिलों में बाढ़ से मची तबाही, हिमाचल प्रदेश में गर्मी के साथ उमस बढ़ी
बिहार के भागलपुर जिले में बाढ़ का पानी रेलवे पुल के गर्डर तक पहुंचने के कारण कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। कई ट्रेनों के मार्ग भी बदलने पड़े हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इन जिलों में 12.67 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पटना समेत कुछ स्थानों पर गंगा नदी का जल स्तर कम होना शुरू हो गया है, लेकिन कई नदियां उफान पर हैं। निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश में बारिश का दाैर थमने के साथ ही रविवार को कई ठंडे इलाकों का तापमान बढ़ गया। प्रदेश के सबसे ठंडे क्षेत्र केलांग का पारा 27 डिग्री के पार पहुंच गया।
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) की तरफ से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि गंगा नदी के किनारे वाले 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। निचले इलाके में रहने वाले 12.67 लाख जलभराव से प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में 361 पंचायतों पर प्रभाव पड़ा है। इन जिलों में प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्यों में 1,400 नावों को लगाया गया है। आठ राहत शिविर लगाए गए हैं जहां बाढ़ प्रभावित लोगों को रखा जा रहा है। प्रभावित जिलों में बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मूंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं।
बिहार के भागलपुर जिले में बाढ़ का पानी रेलवे पुल के गर्डर तक पहुंचने के कारण कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। कई ट्रेनों के मार्ग भी बदलने पड़े हैं। पूर्व मध्य रेलवे ने एक बयान में कहा कि बाढ़ का पानी सुल्तानगंज और रतनपुर स्टेशनों के बीच पुल संख्या 195 के गर्डर को छूने लगा है। संभावित खतरे को देखते हुए जमालपुर-भागलपुर मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और कई के मार्ग में बदलाव किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश थमते ही गर्मी के साथ उमस बढ़ने लगी है। प्रदेश के सबसे ठंडे क्षेत्र केलांग का अधिकतम पारा शिमला और कल्पा से भी ज्यादा हो गया है। यहां अब तक के इतिहास में दूसरा सबसे ज्यादा अधिकतम पारा 27.3 हुआ रिकॉर्ड हुआ है। केलांग में 2020 में 28.3 डिग्री अधिकतम पारा रहा था। इससे पूर्व अब तक कभी भी इतना पारा रिकॉर्ड नहीं हुआ। घाटी का अधिकतर इलाका बर्फ और ग्लेशियरों से लकदक रहता है। सितंबर माह में कभी कड़ाके की ठंड और कभी एकदम पारा चढ़ने को भी विशेषज्ञ ग्लोबल वार्मिंग मान रहे हैं। वहीं, शिमला का अधिकतम पारा 26.0 और कल्पा का 25.1 डिग्री दर्ज किया गया है। रात को भी न्यूनतम पारे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देहरा गोपीपुर में शनिवार रात का पारा 26, पांवटा का 25 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। यहां रात को भी उमस बढ़ गई है। ऊना में सबसे ज्यादा 36.2 डिग्री और बिलासपुर में 35.1 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा।
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