बिंदालाल गुप्ता ने आत्मदाह नहीं किया बल्कि कांटी सीओ और जिला प्रशासन की अंतरात्मा ने आत्मदाह किया : राजद
बिंदालाल गुप्ता की मौत का जिम्मेदार कोन?
मुजफ्फरपुर (RNI) बिंदालाल गुप्ता की मौत का जिम्मेदार कोन?, दरअसल बीतें दिन मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रिट परिसर में बिंदालाल ने अपने शरीर पर तेल छिड़कर आत्मदाह करने का प्रयास किया जिसमे वो बुरी तरह जख्मी हो गए थे जिसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहा उनकी मौत हो गई, उनकी मौत के बाद विपक्ष लगातार प्रशासन और सिस्टम पर सवाल खरे कर रहा है. वही छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने भी इस घटना को दुर्भागपूर्ण बताते हुए अंचल और जिला प्रशासन पर कई तरह के आरोप लगाते हुए बताया की जिला के कांटी प्रखण्ड क्षेत्र कांटी नगर पंचायत के वार्ड 16 निवासी बिंदालल गुप्ता को भू- हदबंदी संख्या 69/2013-14 के तहत 2014 में तत्कालीन अनुमंडल अधिकारी पश्चिमी ने 3 डिसमिल जमीन घर बनाने के लिए दिया था उसके बाद 2020 में उसके परोशी नंदलाल राम, मिथलेश राम संजय राम ने घर बनाने से रोक दिया था उसके बाद उसने कांटी अंचल कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय, अनुमंडल लोकशिकायत निवारण कार्यालय, जिला अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगाने के बाबजूद न्याय नहीं मिला जिससे ऊबकर उन्होंने 05 जुलाई को मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रीट परिसर में आत्मदाह करने का प्रयास किया जिसमे वो बुरी तरह जख्मी हो गए जिनका इलाज एसकेएमसीएच में चल रहा था जहा इलाज के क्रम में 10 जुलाई को उसकी मौत हो गई.
छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार ने सरकार और सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाकर सरकार को घेरते हुए कहा की यह बिंदालाल गुप्ता ने आत्मदाह नहीं किया बल्कि कांटी अंचल प्रशासन, मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंतरात्मा ने भी आत्मदाह कर लिया है.
छात्र नेता अमरेन्द्र कुमार ने आगे मीडिया को संबोधित करते हुए कहां की माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लगातार अधिकारियों के पैर पकड़ने के कारण अधिकारी कर्मचारी बेलगाम हो चुके हैं सरकारी सिस्टम अपराधी, शराब माफिया, भूमाफियाओं के हाथों गिरवी लग चुका है सरकारी सिस्टम को सरकारी अधिकारी नहीं अटरनी चला रहे हैं बिंदलाल गुप्ता का जिससे मामला चल रहा था केबल उसपर प्राथमिकी दर्ज करने से काम नहीं चलेगा अंचल प्रशासन ने न्याय के लिए 10 वर्षों से चक्कर क्यों कटवा रहा था इसकी जांच होनी चाहिए, लोकशिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ इसकी जांच होनी चाहिए. मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रिट परिसर में ज्वलनशील पदार्थ कैसे चला गया यह एक संवेदनशील मामला है जब बिंदालाल ने आत्मदाह करने की कोशिश की तो प्रशासन ने रोकने की कोशिश क्यों नहीं किया वहां मौजूद कर्मी क्या कर रहे थे वहां पर लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से इन सारे गतिविधियों की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए.
साथ ही अमरेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अंतरात्मा मर चुकी है अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं अधिकारी मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहे हैं अधिकारी अपने अटरनी के माध्यम से अवैध वसूली में लगे हुए हैं अगर मुख्यमंत्री समय रहे नहीं चेतें तो इस बार 2025 के विधानसभा में बिहार की जनता मरी हुई अंतरात्मा वाली सरकार को उखाड़ फेंकेगी और दवाई, शिचाईं सुनवाई और करवाई वाली सरकार तेजस्वी जी के नेतृत्व में बनाएगी.
हालाकि ये बड़ा सवाल है की अटर्नी है क्या और इसकी नियुक्ति करता कोन है?, क्या कैसे कोई अटर्नी बनकर अंचल और राजस्व कर्मचारी को चला सकता है?, लगभग लगभग सभी अंचलों से अटर्नी का मामला सामने आ रहा है. आपको बता दें की बिहार में सबसे अधिक अपराधिक मामले भूमि विवाद से संबंधित ही देखने को मिल रहा है.
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