बारिश पूर्व जल प्रबंधन हेतु जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन
गुना। गत दो वर्षों की तरह ही इस बार की बारिश में गुना को बाढ़ जैसे हालातों से न गुजरना पड़े इसके लिए अभी से तैयारियों हेतु आग्रह करने आज सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में जल चिंतक व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन कलेक्टर को दिया। ज्ञापन देते समय इंजी. एस के राजौरिया, राकेश मिश्रा, डॉ. पुष्पराग, लोकेश शर्मा, राकेश शर्मा, रोहित भार्गव आदि शामिल थे।
असल में वैश्विक जलवायु परिवर्तन का गुना सहित संपूर्ण भारतीय मैदानी क्षेत्रों में अति वर्षा के रुप में प्रभाव पड़ना बताया जा रहा है। प्रशांत महासागर में बढ़ता तापमान और ला नीलो प्रभाव गुना में अति से अति बारिश की आशंकाओं को और अधिक बढ़ाता है।
गुना को इस अति वर्षा से जन जीवन को निष्प्रभावी बनाने के सिर्फ दो ही तरीके हैं। गुना के (भुजरिया, सिंगवासा, गोपालपुरा, रानी तलैया, हिलगना आदि) तालाबों की अभी से गहरीकरण के माध्यम से जल ग्रहण क्षमता बढ़ाना। वही गुना की तीनों (गुनिया, पनरिया, ओड़िया) नदियों की व्यवस्थित सफाई ताकि बाढ़ के पानी की निर्बाध सुरक्षित निकासी संभव हो सके।
वह दूसरी ओर कुछ सामाजिक लोगो ने यह भी कहा कि लगभग 7 माह पूर्व जनप्रतिनिधियों की मांग पर शहर के बीचों बीच बहने वाली गुनिया नदी जो गंदगी और मलबे से अपना वास्तविक आकार 100 फुट को खोकर अवेध निर्माण से गुम होरही है उसका सीमांकन किये जाने तहसीलदार को निर्देश दिए थे। उस निर्देश पर एवं अतिक्रमण मुक्त गुनिया को किए जाने प्लान में क्या कार्यवाही हुई है वह भी सार्वजनिक की जाए।
What's Your Reaction?