बागमती नदी के जलस्तर में आई कमी के बाद पीपापुल शुरू : नवरात्रि में मां चामुंडा मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते है ऐसे
मुजफ्फरपुर (आरएनआई) बागमती और लखनदाई नदी के जलस्तर बढ़ने से मुजफ्फरपुर के औराई, कटरा और गायघाट प्रखंड के दर्जनों पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो चुके है, हालाकि बागमती नदी के जलस्तर में आई कमी से लोगो की दिनचर्या धीरे धीरे अपने रोजमरा की जिंदगी में लौट रही है, क्योंकि जलस्तर घटने से सड़कों पर आवाजाही सहित कई समस्या अब धीरे धीरे कम होता दिख रहा है.
जिले के कटरा प्रखंड मुख्यालय स्थित पीपापुल पर भी आवागमन की सुविधा धीरे धीरे बेहतर हो रही है. मजदूरों के द्वारा आज सुबह से ही बड़े वाहनों के आवाजाही को लेकर रास्ते को दुरुस्त किया जा रहा है, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है की आज से ही चार पहिया वाहन और तीन पहिया वाहनों का आवागमन पीपापुल से शुरू हो जाना चाहिए!.
प्रखंड मुख्यालय को जोड़ती है पीपापुल
बता दें की कटरा पीपापुल से न सिर्फ कटरा के लोग बल्कि आसपास के कई प्रखंडों के लोग/राहगीर आवाजाही करते है. ऐसे में बागमती नदी के जलस्तर बढ़ने से पीपापुल पूरी तरह से बंद हो चुका था, जिसके बाद जैसे जैसे पानी का जलस्तर घटता गया वैसे वैसे पैदल/मोटरसाइकल का आवागमन शुरू हुआ, वही अब फिर से चार पहिया और तीन पहिया वाहनों के आवाजाही को लेकर मजदूरों के द्वारा रास्ते को दुरुस्त किया जा रहा है.
शक्तिपीठ माता चामुंडा मंदिर है कटरा प्रखंड मुख्यालय स्थित
मुजफ्फरपुर सहित बिहार की सुप्रसिद्ध माता चामुंडा का शक्तिपीठ मंदिर कटरा मुख्यालय के समीप होने से आए दिन श्रद्धालु माता की पूजा अर्चना करने पहुंचते है, ऐसे में पीपापुल पर बड़े वाहनों का आवागमन शुरू होने से श्रद्धालुओं की भी काफी सहोलियत मिलेगी.
नवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालु पीपापुल के सहारे आते है माता का दर्शन करने
वही नवरात्रि में बड़े ही धूमधाम से मां चामुण्डा मंदिर को सजाया जाता है और आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु माता की पूजा अर्चना करने पहुंचते है. साथ ही मेला का भी आयोजन किया जाता है. काफी संख्या में श्रद्धालु दुर्गा पूजा में कटरा पीपापुल के माध्यम से चार पहिया, तीन पहिया वाहनों के सहारे आसपास के प्रखंडों से माता चामुंडा मंदिर पहुंचे और माता की दर्शन कर और पूजा पाठ करते है. ऐसे में अब बागमती नदी के जलस्तर में आई कमी से पीपापुल के तरफ़ मजदूरों द्वारा रास्ते को पुनः बनाया जा रहा है ताकि श्रद्धालु बड़े ही आसानी से बागमती नदी पार कर माता का दर्शन कर सकें.
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