बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में 8 हाथियों की मौत से मचा हड़कंप, जांच के लिए दिल्ली से पहुंची टीम

Oct 30, 2024 - 21:25
Oct 30, 2024 - 21:25
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में 8 हाथियों की मौत से मचा हड़कंप, जांच के लिए दिल्ली से पहुंची टीम

उमरिया (आरएनआई) उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी घटना सामने आने के बाद से ही लगातार वन विभाग और टाइगर रिजर्व से जुड़े अधिकारियों की नजर बनी हुई है, अब तक 8 हाथियों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से प्रदेश व दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। वन विभाग और विशेषज्ञों की टीमें मौत का कारण जानने में जुटी हुई हैं। हाथियों की मौत के मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र व राज्य स्तर पर विशेष जांच दल का गठन किया गया है। वहीं दिल्ली से NTCA के दो सदस्य व गठित जांच दल STF सहित तमाम बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं, इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों से लेकर केंद्र तक की टीमें गहनता से जांच करने में जुटी हुई है।

बता दें कि बुधवार को चार और मंगलवार को चार हाथियों की मौत के बाद अब तक 8 हाथियों की मौत हो चुकी है। 2 हाथियों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, एक हाथी पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और दो हाथी सामान्य स्थिति में हैं। जबलपुर के राज्य वन्यजीव स्वास्थ्य एवं वन्यजीव संस्थान की टीम हाथियों के पोस्टमार्टम कर रही हैं। जिससे मौत का पता लग सके।

वन मंत्री ने x पर दी जानकारी
वन मंत्री रामनिवास रावत ने x पर जानकारी देते हुए बताया कि एस आई टी की टीम का गठन कर दिया गया है, और कहां है कि अगर जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार अनमोल हाथियों की असमय मृत्यु अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। इन अद्भुत प्राणियों का जाना हमारे पर्यावरण और वन्यजीवन के संतुलन पर गहरा आघात है। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं इन निर्दोष जीवों के प्रति हैं, जिन्होंने प्रकृति की रक्षा में अनगिनत टीम लगी हैं।

केंद्र व राज्य स्तर की टीम जाँच में जुटी
बांधवगढ़ में बीते वर्ष 2018 से कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहुंचे जंगली हाथियों ने बांधवगढ़ को अपना रहवास बना लिया था वर्तमान समय में अलग अलग झुण्ड में तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी बांधवगढ़ के अलग अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं,प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है लेकिन जंगली हाथी कहीं न कहीं गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं यह मामला जहर खुरानी से तो नहीं जुड़ा है, यह एक बड़ा सवाल है अब पार्क प्रबंधन पीएम होने के बाद ही यह बता पाएगा कि मामला क्या है। जबकि अब पूरे मामले में गठित एसआईटी सहित एनटीसीए की टीम नजर बनाते हुए पूरे इलाके की सर्चिंग करने जुटी हुई है, अब जल्द ही मामले से पर्दा उठेगा।


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