बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा पर अमेरिकी सांसद ने जताई चिंता, विदेश मंत्री को लिखी चिट्ठी
राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अफसोस की बात, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब बांग्लादेश में सरकार विरोध प्रदर्शनों ने हिंदू विरोधी हिंसा का रूप ले लिया हो। 2021 में हिंदू विरोधी दंगों ने नौ लोगों की जान ले ली थी।
वॉशिंगटन (आरएनआई) बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि को देखते हुए अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकन से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और इसमें जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए अंतरिम सरकार से संपर्क करने का आग्रह किया। उन्होंने इस मामले में एक चिट्ठी भी लिखी।
राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, "मैं आपको बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंदू विरोधी हिंसा में वृद्दि को लेकर लिख रहा हूं। अब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। यह अत्यंत आवश्यक है कि अमेरिका हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए उनकी सरकार के साथ जुड़े।
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंसा में 60 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने मीडिया को बताया कि इस सप्ताह देश के 64 में से 45 जिलों में ज्यादातर हिंदू घरों और मंदिरों को निशाना बनाया गया। सैकड़ों हिदू बांग्लादेश से भागकर भारत आने का प्रयास कर रहे हैं।
राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, "अफसोस की बात, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब बांग्लादेश में सरकार विरोध प्रदर्शनों ने हिंदू विरोधी हिंसा का रूप ले लिया हो। 2021 में हिंदू विरोधी दंगों ने नौ लोगों की जान ले ली थी। इस दंगे में सैकड़ों घर, कारोबार और मंदिर नष्ट हो गए थे। 2017 में 107 हिंदुओं की मौत हो गई थी और 37 लोग लापता हो गए थे।" उन्होंने चिट्ठी में आगे लिखा, "बांग्लादेश में हिंसा और अस्थिरता स्पष्ट रूप से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के हित में नहीं है। मैं आपसे मुख्य सलाहकार यूनुस की सरकार के साथ सीधे तौर पर बात करने का आग्रह करता हूं।"
बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। 84 वर्षीय यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति महल 'बंगभवन' में शपथ दिलाई।
बांग्लादेश में 1971 में देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रतता सेनानियों के लिए तय किए आरक्षण के खिलाफ जुलाई में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। धीरे-धीरे ये विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गए और छात्रों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की जाने लगी। ये विरोध प्रदर्शन इतने हिंसक हो गए कि बीती 5 अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। वहीं बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गुरुवार को अंतरिम सरकार का गठन किया जाना है। इस अंतरिम सरकार की देखरेख में ही अगले कुछ महीनों में चुनाव कराए जाने की बात कही गई है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?