बांग्लादेश बॉर्डर पर आपात स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर बीएसएफ
बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर के आईजी पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने कहा कि बांग्लादेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था ने बीएसएफ की चिंता भी बढ़ा दी है। इसलिए हमने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। ताकि असामाजिक तत्व सीमा पर न पहुंच सकें। बड़ी संख्या में सैनिकों और वरिष्ठ कमांडरों को सीमा पर भेजा गया है।
अगरतला (आरएनआई) बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हुई हिंसा के बीच भारत ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती तेज कर दी है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं त्रिपुरा बॉर्डर से भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी जारी है। बांग्लादेश में नौकरी आरक्षण के मुद्दे को लेकर हुई हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर के आईजी पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने कहा कि बांग्लादेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था ने बीएसएफ की चिंता भी बढ़ा दी है। इसलिए हमने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। ताकि असामाजिक तत्व सीमा पर न पहुंच सकें। बड़ी संख्या में सैनिकों और वरिष्ठ कमांडरों को सीमा पर भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी जारी है। वहां के मेडिकल कॉलेजों में लगभग आठ हजार से अधिक भारतीय छात्र पढ़ते हैं। ये छात्र ढाका, कोमिला और ब्राह्मणबारिया के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ते हैं। इनमें से अधिकांश छात्र त्रिपुरा के बॉर्डर के रास्ते वापस आ रहे हैं। रविवार को 66 नेपालियों समेत 314 भारतीय छात्र पूर्वोत्तर राज्य की सीमा से भारत लौटे। जबकि 19 और 20 जुलाई को 379 छात्र भारत आए। उन्होंने कहा कि अब तक 693 छात्र वापस आ चुके हैं।
आईजी ने कहा कि छात्रों की वापसी में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश का काफी सहयोग रहा। उन्होंने अगरतला तक छात्रों को परिवहन और सुरक्षित मार्ग देकर हमारी मदद की। आने वाले दिनों में अधिक छात्रों के सीमा पार करने की उम्मीद है। इन छात्रों की सुरक्षित घर वापसी कराई जा रही है।
बांग्लादेश में चल रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, जिसमें हिंसा और आगजनी बढ़ रही है, सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस अशांति के बीच, बांग्लादेश में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे कई भारतीय, नेपाली और भूटानी छात्रों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है।
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