बाँके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का प्रस्ताव उठाकर जमुना जी में फैंके सरकार
वृंदावन (मथुरा)। स्थानीय ब्रजवासियों के बाँके बिहारी मंदिर कॉरिडोर विरोध का ४२वां और क्रमिक अनशन के चौथे दिन का विरोध यथावत जारी रहा और सभी ने कहा कि यदि कोई कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव भी लायेगा तो उसको अंजाम भुगतना पड़ेगा।
वृंदावन बिहारी मिश्र ने कहा कि कॉरिडोर के प्रस्ताव को उठाकर जमुना जी में फैंका जाये। खुले जंगल में कॉरिडोर बने तो अच्छा भी लगता है लेकिन यदि कुंज/निकुंज भवनों और गलियों को तोड़कर जिनमें ठाकुर जी ने लीला की है, उनका विध्वंस उड़ाकर कॉरिडोर कौन बनाता है। यहां बृज में कॉरिडोर बनाने की सोचना भी जघन्य अपराध है और जो ऐसा सोचेगा भी उसको सकुटुंब भुगतना पड़ेगा और वो नौ नौ हाथ के आंसू रोएगा।
प्रमोद बिहारी सारस्वत ने कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं हम विनाश के विरोधी हैं। जो ब्रजवासी यहां ५०० वर्ष से रह रहे हैं, उनके कुंज भवनों और गलियों को तोड़कर सरकार वीआईपी और वीवीआईपी लोगों के गेस्ट हाऊस बनाकर उनको यहां बसाना चाहती है। वृंदावन के हर घर में ठाकुर सेवा है जो कि सब मंदिर हैं, यदि आप मकानों को तोड़ेंगे तो आप मकानों को नहीं बल्कि मंदिरों को तोड़ेंगे।
रुकमणी रमन गोस्वामी, सोहन लाल मिश्र, दीपक पाराशर, अशोक गोस्वामी, मदनमोहन गोस्वामी, प्रमोद शर्मा, आशीष शर्मा (मथुरा), राजकुमार गोस्वामी, राजेश कृष्ण शर्मा, कल्याण गोस्वामी, शिवनारायण, गोवर्धन दास, नूतन चंद्र, विशाल गौड़ सिद्ध, राजेश किशोर गोस्वामी, नीरज गोस्वामी, सुमित मिश्र, अंकुश किशोर गोस्वामी, भगवती शर्मा, राकेश अग्रवाल, विनोद बिहारी गोस्वामी, राहुल शुक्ला, गप्पी गुरु, भूरा, मनमोहन गोस्वामी आदि उपस्थित थे।
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