निर्माण के लिए निर्धारित समय बीतने के बाद भी दो तहसीलों को जोड़ने वाला मार्ग अधूरा
बड़े-बड़े बोल्डर पर पैदल चलना भी खतरे मोल लेने जैसा, मार्ग खराब होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई हो रही बाधित।
मिल्कीपुर-अयोध्या। (आर एन आई) मिल्कीपुर- बीकापुर दो तहसीलों को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग पिछले दो वर्षो से निर्माणाधीन है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस मार्ग पर राहगीरों के लिए आवागमन काफी मुश्किल हो गया है। मार्ग पर यात्रा करने वालों को दिन में तारे नजर आते हैं। यह मार्ग बीकापुर तहसील के देवसिया पारा से मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के इनायतनगर के आस्तीकन बाजार तक प्रधानमंत्री ग्रामीण अभियंत्रण विभाग पीआईयू से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माण का कार्य पिछले दो वर्ष से चल रहा है। विभाग द्वारा मार्ग निर्माण के लिए जो समय सीमा निर्धारित की गई थी, वह भी तीन महीने पहले ही बीत चुकी है, जबकि सड़क का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। काफी जद्दोजहद के बाद रूरूखास से रेवतीगंज तक तो मार्ग चलने लायक बन गया, लेकिन रेवतीगंज में सरकारी नलकूप के आगे से आस्तीकन तक रोड पर बड़ा-बड़ा बोल्डर बिछा दिया गया है। जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति वर्षों से झेलनी पड़ रही है।
पैकेज संख्या यूपी 23122 के मार्ग की लंबाई 11.050 किलोमीटर और कार्य पूर्ण होने की तिथि 24.5. 2023 थी। इस मार्ग के निर्माण में लगभग 658.50 लाख रुपए की लागत बतायी गई है। इसे बनाने का ठेका बस्ती जिले के में० सन कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। लापरवाही का आलम यह है कि इस मार्ग के निर्माण कार्य को देखने के लिए लगाए गए विभागीय जेई आलोक कुमार का मार्ग पर न तो कभी दर्शन होता है और फोन करने पर मीटिंग में होने या फील्ड में व्यस्त होने की बात कहकर फोन काट देते हैं।
इस मुख्य मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े बोल्डर पड़े होने से समूचा मार्ग चलने लायक नहीं है। लोग आवागमन के दौरान गिरकर चोट खा चुके हैं। घुरेहटा निवासी विजय तिवारी एडवोकेट ने कहा कि अगल बगल बहुत सारे मार्ग निर्माण हुए, लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही पहली देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह दो तहसीलों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। फिर भी यह स्थिति है।आमजन के साथ अधिकारियों कर्मचारियों को भी इसी मार्ग से आना जाना पड़ता है। वहीं राकेश कुमार ने कहा कि मिल्कीपुर और बीकापुर तहसीलों को जोड़ने वाला मार्ग होने की वजह से इस मार्ग पर चलनेवालों की संख्या काफी होती है। फिर भी विभाग और ठेकेदार वर्षों से कुल नौ-दस किलोमीटर मार्ग नहीं बना पाए। डीह पूरे बीरबल निवासी पवन तिवारी ने कहा कि मार्ग की दुर्दशा के चलते लोग पगडंडियों से आ जा रहे हैं। छह माह से अधिक हो गया बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है। जिस दिन जरा सी बारिश हो जाती है। पगडंडी रास्ते भी खराब हो जाते हैं। उस दिन बच्चों का स्कूल छूट जाता है। मार्ग पर इतने बड़े बड़े बोल्डर हैं कि लोगों का चलना दुश्वार हो गया है। लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है।
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