बच सकती थी 22 वर्षीय महिला इंजीनियर की जान, अगर फार्मा कंपनी से मिल जाती छुट्टी
आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली में फार्मा कंपनी में हुए विस्फोट ने 17 लोगों की जान ले ली। इस हादसे में एक 22 वर्षीय केमिकल इंजीनियर की भी मौत हो गई। बता दें कि महिला इंजीनियर की जान उस दिन बच सकती थी अगर कंपनी ने उसकी एक अर्जी स्वीकार कर ली होती।
अनकापल्ली (आरएनआई) आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली में फार्मा कंपनी में विस्फोट में एक महिला केमिकल इंजीनियर की जान बच सकती थी। अगर फार्मा कंपनी के प्रबंधन की तरफ से उसकी अतिरिक्त छुट्टी की अर्जी स्वीकार कर ली गई होती। जानकारी के मुताबिक सी. हारिका ने फार्मा कंपनी के प्रबंधन उसे एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी देने की मांग की थी। जो प्रबंधन की तरफ से स्वीकार नहीं की गई और हरिका को हादसे वाले दिन फैक्टरी में पहुंचकर काम करना पड़ा था और हादसे में उसकी जान चली गई।
काकीनाडा की रहने वाली 22 वर्षीय महिला इंजीनियर सी. हारिका हाल ही में रक्षाबंधन मनाने के लिए घर गई थी और बुधवार को एक प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए एक दिन और रुकना चाहती थी, लेकिन स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार इंटरमीडिएट केमिकल और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) बनाने वाली कंपनी एसिएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड ने उसे अतिरिक्त छुट्टी की सुविधा देने से इनकार कर दिया।
इस हादसे के बाद से हारिका का पूरा परिवार में शोक की लहर है, जानकारी के मुताबिक हरिका ने कुछ साल पहले अपने पिता को खो दिया था, और बताया जाता है कि उसके बड़े भाई ने परिवार को छोड़ दिया था। इन मुश्किलों के बावजूद, वह अपनी मां और नानी के साथ रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी।
हारिका करीब 11 महीने पहले ही फार्मा यूनिट में शामिल हुई थी और बुधवार को रक्षाबंधन के त्यौहार के बाद उसे वापस लौटना पड़ा, क्योंकि उसके अतिरिक्त छुट्टी की अर्जी को कंपनी प्रबंधन की तरफ से नहीं स्वीकार किया गया था। इस बीच, अन्य मृतक पीड़ितों और घायल कर्मचारियों के रिश्तेदारों ने कंपनी के चुप्पी साधने पर प्रबंधन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया, क्योंकि कंपनी ने उन्हें इस हादसे के बारे में सूचित नहीं किया।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?