फ्रीबीज पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
फ्रीबीज के खिलाफ दायर नई याचिका में कहा गया है कि फ्री में भोजन नहीं दिया जा सकता है और चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह चुनाव से पहले की अवधि के दौरान सियासी दलों द्वारा मुफ्त में दिए जाने वाले उपहारों के वादे करने पर रोक लगाने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर् ने चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा फ्रीबीज देने के वादे को रिश्वत घोषित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका में यह भी गुजारिश किया गया है कि चुनाव आयोग ऐसे वादों पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा दी जाने वाली फ्रीबीज से जुड़ी नई याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने चुनाव के दौरान फ्री में दिए जाने वाले उपहारों से संबंधित पहले से लंबित मामले के साथ इस मामले को जोड़ दिया है।
याचिका में कहा गया है कि फ्री में भोजन नहीं दिया जा सकता है और चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह चुनाव से पहले की अवधि के दौरान सियासी दलों द्वारा मुफ्त में दिए जाने वाले उपहारों के वादे करने पर रोक लगाने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए।
2023 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक़ लेते हुए बीजेपी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में फ्रीबीज के वादे किए और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा मिला भी। लिहाजा बीजेपी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में सरकार बनाई।
लोकसभा चुनाव के साथ हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने इसी तरह के कई फ्रीबीज वादे किए और वहां उसे पहली बार सरकार बनाने का मौका मिला। दिलचस्प बात ये है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का कोई लोकलुभावन वादा नहीं किया, जबकि कांग्रेस ने महिलाओं को साल में एक लाख रुपए देने का वादा किया था। राहुल गांधी ने कहा था कि खटाखट पैसे आएंगे, लेकिन बीजेपी ने 10 साल सरकार चलाने के बावजूद इस तरह का कोई वादा करने से परहेज किया था। बाद में बीजेपी की सीटें घट गईं और अब तीसरे कार्यकाल में सरकार चलाने के लिए वह सहयोगी दलों के समर्थन पर आश्रित है। कांग्रेस ने कुछ राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने की बात कही थी और अब मोदी सरकार ने यूपीएस (यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम) का ऐलान कर दिया है।
महाराष्ट्र और झारखंड में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी के समर्थन से चल रही शिंदे सरकार पहले ही लाडकी बहिण योजना चला रही है, जिसमें महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। झारखंड में भी बीजेपी ने गोगो दीदी योजना के तहत सत्ता में आने पर महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए देने का वादा किया है।
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