फिर भूकंप के तेज झटके से कांपा म्यांमार, 28 मार्च के बाद से सैकड़ों बार कांपी धरती; दहशत में लोग
28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। जिससे हजारों इमारतें जमींदोज हो गईं। भूकंप में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

बैंकॉक (आरएनआई) म्यांमार के 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद से लगातार धरती कांव रही है। आए दिन ही यहां भूकंप के झटके लग रहे हैं। इस बीच मध्य म्यांमार के एक छोटे से शहर मीकटिला के पास रविवार सुबह 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप ऐसे समय में आया है, जब देश 15 दिन पहले मध्य क्षेत्र में आए 7.7 तीव्रता के बड़े भूकंप की तबाही से जूझ रहा है। आज भी राहत व बचाव कार्य जारी है। लापता लोगों की तलाश जारी है। कई जगह मलबा फैला हुआ है।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक, ताजा भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले और राजधानी नेपीताव के बीच में था। यहां पिछले महीने आए भूकंप में भारी नुकसान हुआ था। हजारों लोग हताहत हुए थे। इस भूकंप में कई सरकारी कार्यालय क्षतिग्रस्त हो गए थे।
28 मार्च के भूकंप के बाद आए सैकड़ों झटकों में से इस भूकंप के कारण किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन के मुताबिक, शुक्रवार तक 28 मार्च के भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,649 थी, जबकि 5,018 लोग घायल हुए थे।
म्यांमार के मौसम विभाग ने बताया कि रविवार का भूकंप मंडालय से 97 किलोमीटर (60 मील) दक्षिण में वुंडविन टाउनशिप के क्षेत्र में 20 किलोमीटर (12 मील) की गहराई में आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने गहराई 7.7 किलोमीटर (4.8 मील) होने का अनुमान लगाया। वुंडविन के लोगों ने बताया कि भूकंप इतना शक्तिशाली था कि लोग इमारतों से बाहर निकल आए। कुछ घरों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं। ने
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि 28 मार्च को आए भूकंप से होने वाली क्षति म्यांमार में मौजूदा मानवीय संकट को और भी बदतर बना देगी। म्यांमार फिलहाल गृहयुद्ध से जूझ रहा है। इस वजह से पहले ही 30 लाख से अधिक लोग यहां से विस्थापित हो चुके हैं। भूकंप ने कृषि उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कई चिकित्सा सुविधाओं के क्षतिग्रस्त या नष्ट होने से म्यांमार में स्वास्थ्य आपातकाल के हालात बन गए हैं।
रविवार का भूकंप देश के तीन दिवसीय थिंगयान अवकाश के पहले दिन की सुबह आया। इस दौरान पारंपरिक नव वर्ष का जश्न मनाया जाता है। अवकाश के लिए सार्वजनिक उत्सव पहले ही रद्द कर दिए गए थे।
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