फिर आंदोलन की राह पर बिजली कर्मचारी
फिर आंदोलन की राह पर बिजली कर्मचारी, आज भोपाल में बड़ा प्रदर्शन, निजीकरण पर रोक-वेतनवृद्धि और पुरानी पेंशन समेत 13 सुत्रीय मांग
भोपाल। (आरएनआई) मध्य प्रदेश की राजधानी में आज प्रदेश के 70000 बिजली अधिकारी कर्मचारी बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में है। खबर है कि कर्मचारी पुरानी पेंशन लागू करने, निजीकरण पर रोक लगाने समेत कुल 13 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर से बिजलीकर्मी आज भोपाल में जुटेंगे। ये सभी बिजली अधिकारी कर्मचारी बिजली मुख्यालय गोविंदपुरा पर एकत्रित होंगे और शिवराज सरकरा से जल्द से जल्द मांगों का समाधान करने की मांग करेंगे।
दरअसल, प्रदेश के हजारों बिजली कर्मी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संर्घषरत है। 7 अगस्त इंदौर और 8 अगस्त जबलपुर में आम सभा करने के बाद आज रविवार 13 अगस्त को बिजली अभियंता, नियमित कर्मचारी, संविदा अधिकारी कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मी एवं पेंशनर्स सभी वर्गों की मांगों को लेकर भोपाल में विशाल आम सभा और प्रदर्शन करेंगे। बिजली कर्मियों का कहना है कि 52 जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन दिए गए और बीजेपी के 80 विधायकों को ज्ञापन देने के बाद भी अबतक सरकार द्वारा महापंचायत आयोजित नहीं की गई है,ऐसे में अब आज कर्मचारियों सरकार से बिजली महापंचायत बुलाने की मांग करेंगे, ताकी समस्याओं का समाधान हो सकें, इसके लिए प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन भी देंगे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगे
बिजली विभाग का निजीकरण बंद किया जाए, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति बंद की जाए।
जन संकल्प 2013 के अनुसार बिजली संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए। संविदा कर्मचारियों बिना शर्त नियमितीकरण किया जाए। वर्ष 2013 में भर्ती परीक्षण सहायक की भर्ती विसंगति दूर कर उन्हें नियमित किया जाए।
पुरानी पेंशन स्कीम (ops) लागू किया जाए एवं पेंशनरों की पेंशन उत्तर प्रदेश सरकार की तरह शासकीय ट्रेजरी से की जाए।2006 के पश्चात भर्ती कार्मिकों हेतु एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाल हो।
संगठनात्मक संरचना में संशोधन करते हुए मेडिकल क्लेम पाल्सी लागू की
सभी वर्गों की वेतन विसंगति दूर की जाए।आउटसोर्स के निकाले हुए कर्मचारियों को वापस लिया जाए, नीति बनाकर कर्मचारियों को स्थाई किया जाए एवं अनुभव के आधार पर वेतन वृद्धि की जाए।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए गृह जिला ट्रांसफर नीति बनाई जाए।अनुकंपा नियुक्ति की नीति में सुधार किया जाए।
सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता से भर्ती हुए अभियंताओं को द्वितीय और तृतीय उच्च वेतनमान में तीन स्टार विलोपित कर उच्च वेतनमान प्रदान किया जाए। 2018 के पूर्व नियुक्त बिजलीकर्मियों की छठवां वेतनमान की वेतन विसंगति ग्रेड पे 2500 हेतु मूल वेतन 6510 की जगह 7440 से अधिक कर सातवें वेतनमान की मैट्रिक्स में सुधार किया जाए। 2018 के पश्चात नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं का ग्रेड 3200 की जगह 4100 कर सातवें वेतनमान की मैट्रिक्स में संशोधन किया जाए।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के बिजली कर्मियों को गृह कंपनी में ट्रांसफर किया जाए।
20 लाख का दुर्घटना बीमा किया जाए। 15 हजार रुपए न्यूनतम वेतन निर्धारण कर उचित मानव संसाधन नीति बनाई जाए।
विद्युत कंपनियों में उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर्मचारियों को भी पदोन्नत किया जाए।
ट्रांसमिशन कंपनी में आईटीआई योग्यता वाले कर्मियों को तृतीय श्रेणी में करते हुए हित लाभ प्रदान किया जाए।
क्लास वन के पदों से सेवा निवृत्त अथवा उच्च पद का चालू प्रभार उपरांत पदों को खाली मानते हुए उन पदों पर सहायक अभियंताओं की भर्ती की जाए।
इलेक्ट्रिसिटी वर्क प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।वर्षों से लंबित संगठनात्मक संरचना का तुरंत निर्धारण कर रिक्त पदों पर नई भर्तियां की जाए।
ऊर्जा विभाग द्वारा समस्त विद्युत कंपनियों को संगठनात्मक संरचना से संबंधित पत्र दिनांक 9 जून 2011 की कंडिका 2 को निरस्त किया जाए।
विद्युत कंपनियों में सेवाकाल के दौरान वर्ष 2012 के पूर्व एवं वर्तमान के नियमित संविदा एवं आउट सोर्स कार्मिकों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए ।
पूर्व क्षेत्र कंपनी में नियमित कार्मिकों की मृत्यु पर कार्यालय सहायक के पदों पर संविदा पर अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर नियमित पदों पर नियुक्ति की जाए।
सेवा निर्वित्त के बाद मिलने वाले सभी लाभ और भत्ते समय पर दिए जाए। विद्युत पेंशनरों की महंगाई भत्ता राज्य सरकार के बराबर हो।
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