प्राणघातक हमला करने वाले को ७ वर्ष का सश्रम कारावास
गुना (आरएनआई) अपने ही भाई को पुरानी रंजिश के कारण जान से मारने की नीयत से कुल्हाड़ी से प्राणघातक हमला करने वाले आरोपी छल्ली उर्फ कमर उर्फ कमल सिंह अहिरवार को सत्र न्यायाधीश गुना वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने ७ वर्ष के सश्रम कारावास और ₹ १५००/- के अर्थदंड से दंडित किया। लोक अभियोजक अलंकार वशिष्ठ ने बताया कि अभियोजन कहानी के अनुसार दिनांक २९.३.१९ को फरियादी राजेश ने शासकीय चिकित्सालय आरोन में रिपोर्ट लेख कराई कि रात्रि लगभग १२:३० बजे वह लालाराम के मकान की छत पर सो रहा था तभी उसका भाई छल्ली आया और पुरानी दुश्मनी पर से कुल्हाड़ी से उसके सिर एवं शरीर में अन्य स्थान पर चोट पहुंचाई, मौके पर उसकी पत्नी गंगाबाई, सीताराम और दीपाबाई भी आ गए थे। इस रिपोर्ट पर से पुलिस थाना आरोन में आरोपी छल्ली के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधि की धारा ३०७, ३२३, ३२४ और ४५० में अपराध क्रमांक १६९/२०१९ पर अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। प्रकरण में आई साक्ष्य और अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के पश्चात् न्यायालय ने अभियोजन की कहानी को सन्देह से परे प्रमाणित मानते हुए आरोपी छल्ली को भारतीय दण्ड विधि की धारा ३०७ में ७ वर्ष के सश्रम कारावास, ₹ १०००/- के अर्थदंड तथा धारा ४५८ में २ वर्ष के सश्रम कारावास और ₹ ५००/- के अर्थदंड से दण्डित किया। मामले में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से लोक अभियोजक अलंकार वशिष्ठ ने पैरवी की।
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