प्राइवेट ट्यूबेलो का हो रहा कामर्शियल प्रयोग, अन्धाधुंध जलदोहन कर की जा रही जल की बर्बादी
शाहाबाद, हरदोई।उप्र सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई की सुगमता के लिए निजी नलकूप लगाने के लिए छूट पर बिजली कनेक्शन दिये जा रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा दिये जा रहे लाभ का दुरुपयोग कर लोगों द्वारा निजी नलकूप का कामर्शियल प्रयोग कर इस सुविधा को व्यवसाय बना लिया गया है।व्यवासीकरण होने के कारण निजी नलकूप संचालकों द्वारा रात दिन जलदोहन कर पानी की बर्बादी की जा रही है जिसके कारण भविष्य में पानी का संकट खड़ा हो सकता है। जहां एक ओर सरकार पानी की बचत के लिए सिंचाई की नयी नयी तकनीक विकसित करने में करोडो खर्च कर रही है वहीं प्राइवेट ट्यूवेलो के संचालकों ने जमीन में जल समाप्त करने की कसम खा रखी है। सबसे मजे की बात तो यह है कि खतौनी में बड़े रकवे के मालिक नौकरी पेशा से सम्पन्न लोगों ने योजना पर अपना कब्जा जमा लिया है। गरीब किसान के पास इतना पैसा ही नहीं है जो लाखों खर्च कर समरसेविल लगवा सके।इन बड़े किसानों द्वारा बिजली विभाग से सांठगांठ कर निजी कनेक्शन को कामर्शियल कनेक्शन बनाकर रात दिन खेतों की सिंचाई कराकर अन्य किसानों से 125से 150 रुपए प्रति घंटा वसूल कर अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं।उदाहरण के तौर पर पाली पावर हाउस के परेली फीडर पर परेली गांव के पश्चिम में लगा समरसेविल से हजारों वीना जमीन की सिंचाई कर लाखों रुपया कमाया जा रहा है जबकि समरसेविल संचालक का वमुश्किल 2वीघा खेत ही होगा। इतना ही नहीं गुजीदेई में कुर्सेली की सीमा पर लगा समरसेविल उस क्षेत्र में एकलौता समरसेविल है। जिससे सूरापुर, कुर्सेली,दमगढा , गुजीदेई का किलोमीटरों रकवा की सिंचाई की जा रही है। इस समरसेविल संचालक का कहना है कि मैंने एक सीज़न( धान)में सिंचाई से लाखों रूपया कमाये है।इस प्रकार देखा जाय तो तहसील क्षेत्र शाहाबाद में सैकड़ों प्राइवेट ट्यूवेलो संचालक बिजली विभाग को रात दिन बिजली खपत कर चपत लगाने में जुटे हुए हैं।निजी नलकूपों के कामर्शियल प्रयोग की वैधता पर उपखंड अधिकारी शाहाबाद शशांक मौर्य से दूरभाष पर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि निजी नलकूप से किसान केवल अपने खेत की सिंचाई कर सकते हैं। निजी नलकूप से पैसा लेकर सिंचाई करना ग़लत है ।ऐसे किसानों की शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जायेगी।वहीं जेई संतोंष निषाद ने कहा कि कोई लिखित शिकायत करें तो हम जांच कर कार्यवाही करेंगे। बिजली विभाग के इन दोनों जिम्मेदार अधिकारियों के बयान बड़ा ही हास्यास्पद है बिजली चोरी कर निजी नलकूप का कामर्शियल प्रयोग करने की शिकायत को जागरूक नागरिक करें तो कार्यवाही करेंगे अन्यथा कि स्थिति में शायद यह सब रोकने की इन लोगो की जिम्मेदारी नहीं है।
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