प्रभु श्रीराम का जीवन हम सभी के लिए आदर्श: चंचलापित दास
मथुरा (आरएनआई) फूल बंगला, छप्पन भोग, राम तारक यज्ञ, हरिनाम संकीर्तन से मंत्रमुग्ध हुए भक्त भगवान श्रीकृष्ण की नित्य विहार स्थली ब्रज मंडल में मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव की धूम रही। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को सम्पूर्ण भारतवर्ष में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के अवतरण दिवस “रामनवमी“ के पावन पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसी श्रंखला में वृन्दावन स्थित चंद्रोदय मंदिर में बुधवार को भगवान श्रीराम के अवतरण दिवस को बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस पुनीत अवसर पर मंदिर प्रांगण में फूल बंगला, छप्पन भोग, श्रीराम तारक यज्ञ एवं हरीनाम संकीर्तन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
चंद्रोदय मंदिर के भक्तों के लिए यह उत्सव इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि रामनवमी के पुनीत अवसर पर वर्ष 2004 में भगवान् श्रीश्री राधा वृन्दावन की प्राण प्रतिष्ठा चंद्रोदय मंदिर प्रांगण में की गई थी। मंदिर में आयोजित रामनवमी महामहोत्सव के दौरान भक्तों को संबोधित करते हुए चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष श्री चंचलापति दास ने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन सभी भारतीयों के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करता है। उनका जीवन एक पुत्र के रूप में, शिष्य, पति, पिता एवं राजा के रूप में, आदर्श जीवन है। उन्होंने कहा राम नाम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पद्म पुराण में वर्णित मंत्र राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥ का दृष्टांत देते हुए कहा कि भगवान शिव, माता पार्वती को राम राम राम द्वयक्षर नाम के महत्व के विषय में कहते हैं कि इसी राम नाम का जागृत, स्वन एवं सुषुप्ति इन तीनों अवस्थाओं में जप करो। मैं भी इन्हीं मनोरम राम में रमता हूं। यह राम नाम भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों के तुल्य है। भगवान राम के राम नाम को विष्णु सहस्त्र नाम के तुल्य कहा गया है। राम नवमी की संध्या बेला में आयोजित इस कार्यक्रम में मथुरा, आगरा, दिल्ली, जयपुर, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों से बड़ी संख्या में भक्तगण वृंदावन पहुंचे।
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