प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मिलीभगत से चल रहा अवैध उत्खनन का गोरखधंधा, खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के क्षेत्र में खुलेआम हो रहा केन नदी से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन
रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन से हो रही 3700 करोड़ की राजस्व चोरी, पीएमओ के आदेश के बाद भी मप्र शासन ने नहीं भेजा प्रतिवेदन, कमीशनखोरी के चक्कर में छलनी हो रही प्रदेश की नदियां
भोपाल। एक तरफ तो भारत सरकार गंगा को पवित्र बनाये रखने के उददेश्य से हजारों करोड़ रूपये गंगा के संरक्षण एवं संवर्द्धन में खर्च कर निर्मल बनाये रखने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। वहीं विष्णुदत्त शर्मा और बृजेन्द्र प्रताप सिंह दोनों मिलकर केन नदी का अस्तित्व ही खत्म करने पर तुले हैं। यह गोरखधंधा खुलेआम हेवी मशीनों से केन नदी का सीना चीरकर, लिफ्टरों के माध्यमों से रेत की निकासी कर उप्र के कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद मध्यप्रदेश के सतना, जबलपुर जैसे शहरों में हजारों डम्फरों के माध्यम से प्रतिदिन अवैध रेत की निकासी कर लाखों रूपये प्रतिदिन कमाई का जरिया बना हुआ है। जगह-जगह केन नदी में हो रहा अवैध उत्खनन से नदी की जलधारा को मोड़कर अवैध खनन ने नदी की सूरत बिगाड़ दी है। नदी में जगह-जगह टीले नजर आने लगे हैं। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार नदी के कोने-कोने पर पौराणिक एवं प्राचीनकालीन पुरामहत्व के स्मारकों के अवशेष मिले हैं। रेत का अवैध कारोबार से अभी तक केन नदी से 3700 करोड़ से अधिक का कारोबार हो गया है।
आर.टी.आई. फाइल नं. 5230/2022- पीएमआर से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 5502361/पीएमओ/2022 दिनांक 06.06.2022 को मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल से मप्र के लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनुरागी लखनलाल के पत्र दिनांक 09.05.2022 में की गई शिकायत पर बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के विरुद्ध केन नदी पर पर्यावरण में निहित शर्तों का उल्लघन कर रेत के अवैध उत्तखनन कर परिवहन 3700 करोड़ की राजस्व चोरी, केन नदी की दुर्दशा, पानी का बहाव रोकर लिफ्टरों के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन जैसे बिन्दुओं पर शासन से अभिमत सहित प्रतिवेदन चाहा गया था। लेकिन आज दिनांक तक प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा खनिज साधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 4006/842445/2022/12/1 भोपाल दिनांक 27.09.2022 में संचालक प्रशासन तथा खनिकर्म अरेरा हिल्स भोपाल मध्यप्रदेश से प्रतिवेदन चाहा था लेकिन आज दिनांक चाहै गये प्रतिवेदन से सम्बन्धित जांच कार्यालय में लम्बित है तथा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
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