प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा, गंगा में बहा देंगे पदक, इंडिया गेट पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे

दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए और जंतर-मंतर में धरना स्थल से हटाए गए देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर ‘आमरण अनशन’ पर बैठेंगे।

May 30, 2023 - 16:00
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प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा, गंगा में बहा देंगे पदक, इंडिया गेट पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे

नयी दिल्ली, 30 मई 2023, (आरएनआई)। दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए और जंतर-मंतर में धरना स्थल से हटाए गए देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर ‘आमरण अनशन’ पर बैठेंगे।

रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे।

साक्षी ने बयान में कहा, ‘‘पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं क्योंकि वह गंगा मां है। इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।’’

साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया।

मंगलवार को हरिद्वार में गंगा दशहरा है और संभवत: एक ऐसा दिन जब बड़ी संख्या में लोग वहां पूजा करने आएंगे।

साक्षी ने कहा, ‘‘जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके इन पदकों को हासिल किया था। ये पदक सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र पदक को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है, ना कि हमें मुखौटा बना फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने तो पवित्र नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी।’’

साक्षी ने कहा कि तंत्र ने उत्पीड़क को पकड़ने की जगह पीड़ितों को डराने और विरोध रोकने का प्रयास किया। पहलवानों को लगता है कि पदक की कोई कीमत नहीं है और इन्हें वापस करना चाहते हैं।

उन्होंने इच्छा जताई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे का हल निकालते।

साक्षी ने कहा, ‘‘ये पदक अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर यह तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।’’

रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की।

जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की।

पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलवानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

विरोध करने वाले पहलवानों और उनके समर्थकों को राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया और बाद में रिहा कर दिया गया।

पहलवानों को बसों में डालने के बाद पुलिस अधिकारियों ने धरना स्थल पर मौजूद चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत सहित अन्य सामान को हटा दिया।

साक्षी ने कहा कि महिला पहलवानों को लगता है कि इस देश में उनके लिए अब कुछ नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप में पदक जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे। हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे।’’

साक्षी ने कहा, ‘‘पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता के साथ गिरफ्तार किया गया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस-नहस कर हमारे से छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है। पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। जब वास्तविक उत्पीड़क हमारे ऊपर फब्तियां कस रहा है। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर रहा है। ’’

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