प्रत्यक्षदर्शी अफसर ने सुनाई आपबीती; कहा- हमारे सामने कीचड़ में बह गए लोग, हम कुछ नहीं कर सके
वायनाड त्रासदी मे चश्मदीद एक अधिकारी ने घटना की आपबीती सुनाते हुए बताया कि मेरी आंखों के सामने लोग कीचड़ में बह गए लेकिन मैं उन्हें बचा नहीं पाया।
नई दिल्ली (आरएनआई) वायनाड में भूस्खलन हादसे के बाद मेप्पडी पुलिस स्टेशन के अधिकारी जिबलू रहमान ने आपबीती सुनाई। हादसे में कई लोगों की जान चली गई और कई अभी भी लापता हैं। रहमान चूरलमाला क्षेत्र में विनाशकारी आपदा के बीच लोगों की जान बचाने के लिए सबसे पहले हरकत में आए थे। उन्होंने ओडिशा के दो पर्यटकों को मलबे से बचाया भी था। रहमान अभी भी हादसे के सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विनाशकारी भूस्खलन से अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थानीय प्रशासन की ओर से बुधवार को जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, भारी भूस्खलन के बाद 138 लोग लापता हैं।
रहमान ने बताया, जब मैं मौके पर पहुंचा तो मलबे में फंसे हुए तमाम लोग सहायता के लिए चिल्ला रहे थे। कई लोगों को अंग टूट चुके थे। मुझे बताया गया कि नदी के बीच में कुछ लोग फंसे हुए हैं। मैंने लोगों को अपनी टी-शर्ट और कोट दे दिया और उन्हें सहायता के लिए मौके पर पहुंचे स्थानीय युवाओं को सौंप दिया।
इसके बाद मैं नदी में फंसे लोगों के बचाव में ऊपर की ओर गया। जैसे ही ऊपर की ओर पहुंचा तभी एक तेज आवाज सुनाई दी। मैंने महसूस किया कि एक और भूस्खलन हुआ है। कोई अन्य विकल्प मौजूद न होने पर मैं सुरक्षा के लिए ऊपर की ओर भागा। मैंने देखा कि मिट्टी, चट्टानों और टूटे हुए पेड़ों को बहाता हुआ पानी तेजी से नीचे की ओर आ रहा है। उस पानी के साथ तमाम लोग भी बह रहे थे, लेकिन मैं उन्हें बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को केरल में वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी 10 अगस्त को दोपहर कलपेट्टा पहुंचेंगे और उसके बाद भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
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