पोशाक व्यापारी के यहां लूट और हत्या का आरोपी 50 हजार का इनामी फारुख पुलिस मुठभेड़ में ढेर
एसओजी और हाईवे पुलिस को मिली बड़ी सफलता। सेठ के चालक मोहसिन के साथ मिलकर फारुक ने दिया था लूट की बड़ी घटना को अंजाम।
मथुरा, (आरएनआई) हाइवे पुलिस और एसओजी को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस और एसओजी की टीम ने मुठभेड़ में 50 हजार के इनामी बदमाश फारुख को मार गिराया है। मुठभेड़ मथुरा के थाना हाईवे क्षेत्र अंतर्गत भोले बाबा सत्संग ग्राउंड के समीप हुई थी। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मौके से 21 लाख 88 हजार कैश, सोने-चांदी के अलावा डायमंड लूट की वारदात के दौरान फारुख ने कारोबारी कृष्ण कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी कल्पना अग्रवाल पर कई वार किया था जिससे कल्पना की तो मौत हो गई थी। कृष्ण कुमार अग्रवाल की हालत गंभीर बनी हुई है। उनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है। कृष्ण कुमार के सिर पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ कई हमले किए गए थे। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे अग्रवाल के सिर में करीब 100 फ्रैक्चर है। लूट और हत्या की वारदात को अंजाम देकर फारुख करोड़ों का माल लेकर मौके से फरार हो गया था। मामले के खुलासे के लिए स्वाट, एसओजी, सर्विलांस हाइवे, कोतवाली पुलिस सहित 8 टीम लगी थीं।
आगरा रेंज की एडीजी और आईजी दीपक कुमार घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे। घटना का सूत्रधार व्यापारी कृष्ण कुमार अग्रवाल का ड्राइवर ही निकला था। ड्राइवर मोहसिन को पुलिस ने दिन में हुई मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था। मोहसिन के कब्जे से भी पुलिस ने 2 लाख 10 हजार सोने चांदी और डायमंड की ज्वेलरी बरामद की थी। मोहसिन ही घटना के मुख्य आरोपी फारुख को गाड़ी में छिपा बिठाकर लाया व्यापारी की कोठी में लाया था।
घटना को अंजाम देने से पहले मोहसिन और फारुख ने मुख्य दरवाजे की डुप्लीकेट चाबी बनवाई थी। चाबी से घर का मुख्य दरवाजा खोलने के दौरान कोठी में फारुख घुसा था। घर में वारदात को अंजाम देने के दौरान हुई पहचान लेने के चलते फारुख ने हत्या की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था।
मोहसिन खान पुत्र कदीर खान निवासी मटिया दरवाजा डींग गेट चैकी डींग गेट थाना गोविन्द नगर मथुरा, कारोबारी श्री कृष्ण अग्रवाल के घर पर ड्राइवर का काम करता था तथा उसका दोस्त फारुख पुत्र करीम मंसूरी उर्फ मुल्ले निवासी मटिया दरवाजा डींग गेट थाना गोविन्द नगर जनपद मथुरा भी पहले सेठ श्रीकृष्ण अग्रवाल के यहाँ वृन्दावन स्थित मुकुट की दुकान में आर्डर पर मुकुट सप्लाई करता था। फारुख ने ही मोहसिन को सेठ के यहाँ नौकरी पर रखवाया था। दोनों अभियुक्तों को सेठ के घर व दुकान की सारी गतिविधियों की जानकरी थी। गिरफ्तार मोहसीन ने पूछताछ में बताया कि एक महीने हले ही दोनो ने सेठ के घर में लूट की योजना बनायी थी।
दो नवंबर को जब मोहसिन को यह पता चला कि सेठ जी का बेटा गोविन्द, बहू व नाती घूमने के लिए बनारस जा रहे हैं तो उसने यह बात फारुख को बतायी तो फारुख ने कहा कि बहुत अच्छा मौका है। इसके बाद तीन नवंबर की रात में तय योजना के अनुसार फारुख वृन्दावन आ गया था। दोनों ने मिलकर घटना कारित करने का प्लान बनाया। दोनों को सेठ के घर की पूरी जानकारी थी कि लूट में करीब एक से दो करोड़ रुपये व एक किलो से अधिक सोना मिल जायेगा। बनाये हुये प्लान के आधार पर दोनों अभियुक्तों ने एक बड़ा स्क्रू, पाना रिन्च, हाथ के ग्लब्स, मास्क व केबिल काटने वाला प्लास लेकर घटना की रात्रि में फारुख ने मकान की चाबी से मेन गेट खोलकर सेठ के घर के अन्दर जाकर सेठ के बैड रूम में पहुंचा तो सेठ जी खट पट की आवाज सुनकर जाग गये। जगते ही उन्होंने फारुख को देखते ही कहा कि फारुख तू यहाँ मेरे घर के अन्दर इस समय कैसे? इसके बाद फारुख ने अपने हाथ में लिये हुये बडे़ स्क्रू पाना रिन्च से सेठ कृष्ण अग्रवाल के सिर पर लगातार प्रहार किये जिससे वह बेहोश व लहूलुहान होकर गिर गये थे। इतने में सेठ की पत्नी ने जग कर विरोध करने का प्रयत्न किया तभी फारुख ने जान से मारने की नियत से उन पर भी उसी पाना रिन्च से सिर में कई प्रहार कर दिये थे जिससे वह भी बैड से लुढ़कर नीचे गिर पड़ी थीं।
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