पेटीएम पेमेंट्स बैंक से लेनदेन में 15 फीसदी गिरावट
पेटीएम ने सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अध्यक्षता में एक समूह सलाहकार समिति के गठन की शुक्रवार को घोषणा की। समिति नियामकीय मामलों पर कंपनी को सलाह देगी। समिति में आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष एमएम चितले एवं आंध्रा बैंक के पूर्व चेयरमैन-एमडी आर रामचंद्रन भी शामिल हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) आरबीआई की कार्रवाई के बाद से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जरिये लेनदेन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। 29 फरवरी के बाद बैंक का क्या होगा, इसे लेकर ग्राहकों में अब भी अनिश्चितता है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक से लेनदेन के वॉल्यूम में 15 फीसदी तक गिरावट आई है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 30 करोड़ से अधिक खाते या डिजिटल वॉलेट हैं। करीब चार करोड़ व्यापारी बैंक के क्यूआर कोड या भुगतान एप का इस्तेमाल करते हैं। ग्राहकों की संख्या घटने का कारण यह भी है कि लोगों व व्यापारियों के पास कई भुगतान विकल्प हैं। ऐसे में वे पेटीएम पेमेंट्स बैंक से दूसरे मंचों का रुख कर रहे हैं।
पेटीएम ने सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अध्यक्षता में एक समूह सलाहकार समिति के गठन की शुक्रवार को घोषणा की। समिति नियामकीय मामलों पर कंपनी को सलाह देगी। समिति में आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष एमएम चितले एवं आंध्रा बैंक के पूर्व चेयरमैन-एमडी आर रामचंद्रन भी शामिल हैं।
पेटीएम ई-कॉमर्स ने अपना नाम बदलकर पाई प्लेटफॉर्म्स कर लिया है। साथ ही, ऑनलाइन खुदरा कारोबार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बिट्सिला का अधिग्रहण किया है। यह ओएनडीसी पर विक्रेता मंच है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया, कंपनी ने तीन महीने पहले नाम बदलने के लिए आवेदन किया था। 8 फरवरी को उसे कंपनी रजिस्ट्रार से मंजूरी मिली है। कंपनी रजिस्ट्रार की अधिसूचना के अनुसार, इस प्रमाणपत्र की तारीख से कंपनी का नाम पेटीएम ई-कॉमर्स प्राइवेट लि. से बदलकर पाई प्लेटफॉर्म्स प्रा. लि. कर दिया गया है।
कंपनी ने अब इनोबिट्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लि. बिट्सिला का अधिग्रहण कर लिया है। इसे 2020 में पेश किया गया था। यह ‘फुलस्टैक ओमनीचैनल’ और ‘हाइपरलोकल कॉमर्स’ क्षमता के साथ ओएनडीसी विक्रेता मंच के रूप में काम करता है।
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