पृथ्वी पर अवतरित होकर अधर्म का नाश करते हैं भगवान : आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन (आरएनआई) छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आश्रम में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवान के जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि पृथ्वी पर जब-जब पाप और अधर्म बढ़ने लगता है तथा धर्म की हानि होती है, तब-तब अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान नारायण किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर पाप और अधर्म का नाश करते हैं।साथ ही धर्म की पुनः स्थापना करके भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं।द्वापर युग में जब मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से ब्रजभूमि त्रस्त हो गई थी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया।साथ ही ब्रजवासियों को पापी राजा के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई।इसीलिए वे ब्रजवासियों के अत्यधिक प्रिय हैं।
आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को यदि वर्तमान परिपेक्ष्य में देखा जाए तो वे न केवल भगवान हैं, अपितु वर्तमान और हर युग के सर्वश्रेष्ठ गुरु भी हैं।हम सभी को इनकी नित्य पूजा करने के साथ-साथ इनके द्वारा बताए गए सद्मार्ग को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। इसी में हम सबका कल्याण है।
इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही नंदोत्सव आयोजित किया गया।जिसके अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की बधाईयों का गायन किया गया।इसके अलावा खेल-खिलौने, रुपए-कपड़े, मेवा-मिष्ठान एवं वस्त्र आदि लुटाए गए।
महोत्सव में कथा के यजमान कमलेश गुप्ता, गिर्राज गुप्ता, रमेश गोयल, राकेश बंसल, संजय गुप्ता, सुमित गुप्ता, आर.पी. गुप्ता, राजेश अग्रवाल, योगेश गुप्ता, शुभम गुप्ता, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, पण्डित किशोर शास्त्री, आचार्य राजा पण्डित, पंडित रवीन्द्रजी, पंडित उमाशंकर मिश्रा एवं डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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