'पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन को मिले भारत रत्न', टीएमसी नेता साकेत गोखले ने रखी मांग
टीएमसी नेता साकेत गोखले ने मंगलवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के लिए भारत रत्न की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और गरिमा को बरकरार रखा। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए, टीएमसी नेता ने कहा कि शेषन 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे और उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग के काम करने के तरीके को फिर से परिभाषित किया।

नई दिल्ली (आरएनआई) पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता साकेत गोखले ने मंगलवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएन. शेषन को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व सीईसी शेषन ने चुनाव आयोग (ईसीआई) की स्वतंत्रता और गरिमा को बनाए रखा और चुनाव प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में अहम भूमिका निभाई। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए साकेत गोखले ने कहा कि टीएन शेषन 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे, जिन्होंने चुनाव आयोग के काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने टीएन शेषन के चर्चित कथन 'मैं नाश्ते में नेताओं को खा जाता हूं' का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी दबाव या पक्षपात के निष्पक्ष चुनाव करवाए।
टीएमसी नेता साकेत गोखले ने भारत रत्न देने के समर्थन में कहा कि टीएन शेषन के सख्त रवैये ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को मजबूत किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार सीधे करती है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का बहुमत रहता है। उन्होंने कहा कि अब न तो भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की राय ली जाती है और न ही विपक्ष के नेता की। इससे चुनाव आयोग सरकार के अधीन संस्था बनकर रह गया है। गोखले ने दावा किया कि अगर टीएन शेषन आज होते, तो वह इसे कभी स्वीकार नहीं करते।
साकेत गोखले ने कहा कि टीएन शेषन ने आचार संहिता (एमसीसी) को सख्ती से लागू कर चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया और भड़काऊ व साम्प्रदायिक भाषण दिए। टीएमसी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी के दबाव में काम किया और उन्हें 80 से अधिक इंटरव्यू का मौका मिला, जबकि विपक्षी नेताओं को इतना कवरेज नहीं मिला। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने बार-बार एमसीसी उल्लंघनों के बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।
साकेत गोखले ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने खुद यह स्वीकार किया है कि मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) की कई डुप्लीकेट कॉपियां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि टीएन शेषन के कार्यकाल में बनाए गए अद्वितीय मतदाता पहचान पत्र की आज कोई विशिष्टता नहीं बची है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में 8 लाख नए मतदाता जोड़े गए। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 39 लाख नए मतदाता शामिल किए गए। हालांकि, इस मुद्दे पर बोलते समय राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने साकेत गोखले को चुनाव आयोग पर टिप्पणी करने से रोका और कहा कि यह संवैधानिक संस्था है।
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