पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले
केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान आज सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। वहीं पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के कूच को रोकने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़ (आरएनआई) भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले पानीपत के किसान प्राइवेट गाड़ियों में मंगलवार सुबह रवाना हुए। किसान नेता हरेंद्र राणा और अन्य नेताओं की अगुवाई में किसान दस गाड़ियों में रवाना हुए। प्राइवेट गाड़ियों में किसान अलग-अलग स्थानों से आए। किसान भवन पर पुलिस तैनात रही। डीएसपी मुख्यालय धर्मबीर खर्ब ने पुलिसबल के साथ गाड़ियों का पीछा किया। किसानों ने चेतावनी दी कि पुलिस प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया तो वे सारे नाके तोड़ देंगे। गुप्तचर विभाग किसानों के कूच को लेकर अलर्ट रहा। पंजाब के किसानों की मदद के लिए भारतीय किसान यूनियन आगे आई।
हरियाणा सरकार किसान आंदोलन को लेकर फिर हाईकोर्ट पहुंची है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मोडिफाई किए ट्रैक्टरों और ट्रालियों को इकट्ठा न होने की गुहार लगाई गई है। सरकार ने कहा कि यह कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है, पंजाब सरकार इस पर कार्रवाई करे और इन्हें वहीं रोका जाए। हालांकि हाईकोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे और पूरी दुनिया हमें शांति से आगे बढ़ते हुए देखेगी। अगर सरकार को लगता है कि किसानों को मारने से उनकी समस्या हल हो जाएगी तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन हम शांतिपूर्वक आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पंधेर ने कहा कि हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे। हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि MSP पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है।
किसान आंदोलन-2.0 में किसान संगठन एकजुट नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि धड़ों में बंटे हुए हैं। खास बात ये है कि सभी किसान संगठनों की मांग एक ही है कि एमएसपी पर गारंटी कानून लागू किया जाए, लेकिन संगठनों के विरोध के तरीकों का रूप अलग-अलग है। संगठन अपने-अपने तरीके से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, लेकिन पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच के समर्थन से बच रहे हैं। भाकियू टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है। लेकिन बुधवार को प्रदेशभर में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर सरकार के पुतले फूंके जाएंगे।
हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन को देखते हुए सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी 21 फरवरी रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने 11 फरवरी को अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और डबवाली में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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