पुरी में रथ यात्रा के दौरान हुए दो अलग-अलग हादसे
एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही भगवान बलभद्र का रथ थोड़ा आगे बढ़ा, वैसे ही सुरक्षा घेरे के बाहर अचानक भीड़ बढ़ गई। भीड़ बढ़ने के चलते कई लोग नीचे गिर गए। घायलों को तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।
पुरी (आरएनआई) ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान रविवार को रथ खींचते समय दो अलग-अलग घटनाओं में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, 130 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल सभी का पुरी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में एक बुजुर्ग श्रद्धालु की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। साथ ही पीड़ितों के परिवार को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। सीएम ने संबंधित अधिकारियों को घायल श्रद्धालुओं के लिए सभी चिकित्सा सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया।
एक अधिकारी के मुताबिक, जैसे ही भगवान बलभद्र का रथ थोड़ा आगे बढ़ा, वैसे ही सुरक्षा घेरे के बाहर अचानक भीड़ बढ़ गई। भीड़ बढ़ने के चलते कई लोग नीचे गिर गए। घायलों को तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। घटना में एक बुजुर्ग की मौत भी हो गई है। पुलिस ने बुजुर्ग को नीचे गिरा देख तुरंत एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया। वहीं, एंबुलेंस में भी उसे पीसीआर दिया गया। डॉक्टरों ने भी बुजुर्ग को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया।
एंबुलेंस में काम करने वाले स्वयंसेवक के मुताबिक, मृतक के मोबाइल पर आए कॉल से पता चला है कि वह बलांगीर जिले का रहने वाला था। प्रशासन ने उसकी पहचान सेंटाला निवासी ललित बागर्ती के रूप में की है।
पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटना में रविवार को झारसुगुडा जिले में रथ यात्रा के दौरान रथ के पहियों के नीचे आने से एक श्रद्धालु की कथित तौर पर मौत हो गई। जिले के कुकुजंघा गांव में जगन्नाथ मंदिर का रथ खींचने के दौरान यह हादसा हुआ। मृतक की पहचान 45 साल के श्याम सुंदर किशन के रूप में हुई।
रथ खींचते समय वह गलती से नीचे गिर गया और रथ के पहिए उनके ऊपर से गुजर गए। आनन-फानन में किशन को जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुरी जिले के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रथ यात्रा के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों समेत 130 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि आधे घायलों को उसी दिन इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि कम से कम 40 लोगों का इलाज चल रहा है।
पुरी में 600 से अधिक लोग अस्पतालों और चिकित्सा शिविरों में पहुंचे। स्वास्थ्य सेवा निदेशक बिजय महापात्र ने कहा कि केवल 130 से अधिक लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा के दौरान अस्पताल में इतने मरीजों का भर्ती होना सामान्य है। घायलों में से किसी की हालत बहुत गंभीर नहीं है।
रविवार रात अस्पताल का दौरा करने के बाद राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा, 'भगदड़, शरीर में पानी की कमी, पेचिश और अन्य कारणों की वजह से कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, घायल होने के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि रविवार को पुरी में गर्म और उमस भरा मौसम होने के कारण कई लोगों को गर्मी का भी सामना करना पड़ा।
भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों- देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथों को खींचने का काम सोमवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे फिर से शुरू हो गया। हरिबोल और जय जगन्नाथ के मंत्रोच्चार, घड़ियाल, शंख और झांझ की आवाजों के बीच तीन पवित्र देवताओं के रथों को सोमवार को ग्रांड रोड पर रात में रुकने के बाद श्री गुंडिचा मंदिर में उनके गंतव्य की ओर ले जाया गया।
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