पुराने विमान कानून को बदलने के लिए राज्यसभा में विधेयक पेश, कांग्रेस सांसद ने नाम पर जताई आपत्ति
विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने बताया कि पहले के विमान अधिनियम में केवल वायुयान के रखरखाव (मेंटेनेंस) का ही जिक्र था। लेकिन अब इस विधेयक में डिजाइन और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) भी जोड़े जा रहे हैं। इससे यह तय किया जा रहा है कि इन तीनों कामों की क्या परिभाषा होगी।
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नई दिल्ली (आरएनआई) विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने मंगलवार को राज्यसभा में 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए एक नया विधेयक पेश किया। यह विधेयक पिछले संसद सत्र में लोकसभा में अगस्त महीने में पारित हो चुका है।
नायडू ने भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 राज्यसभा में चर्चा और मंजूरी के लिए पेश किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय विमानन संगठन (आईसीएओ) की सलाह पर तैयार किया गया है, ताकि पुराने विमान अधिनियम में जरूरी बदलाव किए जा सकें। इसके साथ ही विमानन मंत्री ने कहा, इस विधेयक में हमने डीजीसीए जैसी संस्थाओं के अधिकारों के लिए अलग-अलग खंड बनाए हैं। इस तरह से यह स्पष्ट रूप से तय किया गया है कि कौन सी संस्था को क्या काम करना है, जैसा आईसीएओ ने भी सुझाव दिया है।
उन्होंने बताया कि विमानन क्षेत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है और इस क्षेत्र को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। नायडू ने सदन को बताया कि 2014 में देश में 74 हवाई अड्डे थे, जो अब बढ़कर 157 हो गए हैं और विमानों की संख्या भी 400 से बढ़कर 813 हो गई है।
नायडू ने बताया कि पहले के विमान अधिनियम में केवल वायुयान के रखरखाव (मेंटेनेंस) का ही जिक्र था। लेकिन अब इस विधेयक में डिजाइन और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) भी जोड़े जा रहे हैं। इससे यह तय किया जा रहा है कि इन तीनों कामों की क्या परिभाषा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम अक्सर नियमों में बदलाव करते हैं, जो मुख्य अधिनियम के तहत होते हैं और अब हम उस मुख्य अधिनियम में बदलाव कर रहे हैं, ताकि इन नियमों को मजूबत कानूनी समर्थन मिल सके। इसका मतलब है कि नया कानून पुराने नियमों को ज्यादा मजबूत और प्रभावी बनाएगा।
मंत्री ने आगे कहा, आजकर हर कोई चाहता है कि उसके जिले में हवाई अड्डा हो। हम उन सपनों को पूरा करना चाहते हैं। अगर हम इसे आज नहीं कर पाए, तो कल यह एक बड़ी चुनौती होगी। जमीन की कमी हो सकती है।
उन्होंने कहा, यह विधेयक विभिन्न विमानन कानूनों के बीच मौजूदा असमानताओं को दूर करने और एक सुव्यवस्थित और स्पष्ट नियमों वाला माहौल सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया है। इसके साथ ही मंत्रालय का मकसद एक मजबूत नियामक ढांचा बनाकर विमानन को बढ़ावा देना, विदेशी निवेश को आर्षित करना और अंतरराष्ट्रीय संधियों और सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन सुनिश्चित करना है।
कांग्रेस के सांसद सैयद नसीर हुसैन ने इस विधेयक के नाम पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह हिंदी में नहीं होना चाहिए, क्योंकि देश की 60 फीसदी जनसंख्या हिंदी बोलने वाली नहीं है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस क्षेत्र में एजेंसियों को कितनी स्वायत्तता मिलेगी, क्योंकि सरकार अधिकांश चीजें केंद्रीकरण की ओर ले जा रही है।
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