पीएम मोदी ने सागर में किया संत रविदास मंदिर एवं स्मारक का भूमिपूजन,

कहा ‘डेढ़ साल बाद लोकार्पण के लिए भी आऊंगा’

Aug 12, 2023 - 21:10
Aug 15, 2023 - 23:59
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सागर। (आरएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सागर के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से बनने वाले संत शिरोमणि रविदास जी के भव्य मंदिर एवं स्मारक के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। उन्होने कहा एक डेढ़ साल बाद वो इस मंदिर के लोकार्पण के लिए भी जरुर आएंगे और संत रविदास जी उन्हे यहां दुबारा आने का मौका देने ही वाले हैं। इस तरह उन्होने संकेत में 2024 लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने का भरोसा भी जताया।

इस अवसर पर पीएम ने बुंदेलखंड को 44 हजार करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना का का उपहार दिया है। इस परियोजना से बुंदलेखंड की 20 लाख एकड़ भूमि सिंचित होगी

 इस मौके पर उन्होने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश को गरीब और भूख से मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल,  सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र खटीक, प्रहलाद पटेल सहित मध्य प्रदेश के कई मंत्री और सांसद उपस्थित थे।

सामाजिक समरसता के नए युग की शुरुआत
पीएम मोदी ने कहा कि प्रेरणा और प्रगति जब एक साथ जुड़ते हैं तो एक नए युग की नींव पड़ती है। आज हमारा देश और हमारा मध्य प्रदेश इसी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में आज यहां कोटा-बीना सेक्शन पर रेल मार्ग के दोहरीकरण का भी लोकार्पण किया गया है। नेशनल हाइवे पर दो महत्वपूर्ण मार्गों का शिलान्यास किया गया। विकास के काम सागर और आसपास के लोगों को बेहतर सुविधा देंगे। उन्होने कहा कि संत रविदास स्मारक और संग्रहालय की नींव ऐसे समय में पड़ी है, जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। अब अगले 25 वर्षों का अमृतकाल हमारे सामने है।

उन्होने कहा कि अमृतकाल में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी विरासत को भी आगे बढ़ाएं और अतीत से सबक भी लें। एक राष्ट्र के रूप में हमने हजारों वर्षों की यात्रा की है। इतने लंबे कालखंड में समाज में कुछ बुराइयां आना भी स्वाभाविक है। ये भारतीय समाज की ही शक्ति है कि समय समय पर इन बुराइयों को दूर करने वाले कोई महापुरुष, संत, औलिया निकलते रहे हैं। रविदास जी ऐसे ही महान संत थे। उन्होने समाज को अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समाज को जागृत किया। वो एक तरफ सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बोल रहे थे तो दूसरी तरफ देश की आत्मा को झकझोर रहे थे।

पीएम ने कहा ‘मंदिर का लोकार्पण करने भी आऊंगा’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सागर में समरसता का महासागर उमड़ा है। इसे और समृद्ध करने के लिए आज भव्य मंदिर एवं स्मारक की नींव पड़ी है। उन्होने कहा कि मेरे लिए ये दोहरी खुशी का अवसर है और पूज्य संत रविदास जी के आशीर्वाद से कहता हूं कि जब मंदिर बन जाएगा तो इसके लोकार्पण के लिए अवश्य आऊंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी मुझे यहां दुबारा आने का मौका जरुर देंगे। उन्होने कहा कि इस मंदिर और स्मारक में भव्यता भी होगी और दिव्यता भी होगी। समरसता की भावना से ओतप्रोत 20 हजार से गांवों की, 300 से ज्यादा नदियों की मिट्टी इस स्मारक का हिस्सा बनी है। मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक एक मुट्ठी अ्नाज भी भेजा है। जो पांच समरसता यात्रा चल रही थी, आज उनका भी सागर की धरती पर समागम हुआ है। यहां से सामाजिक समरसता के एक नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होने कहा कि इस कार्य के लिए मैं मध्य प्रदेश सरकार और सीएम शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन करता हूं।

बीजेपी हमेशा हर वर्ग के साथ है
इस मौके पर बिना कांग्रेस का नाम लिए पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय में जो योजनाएं आती थी वो चुनावी मौसम के हिसाब से आती थी, लेकिन हमारा प्रयास है दलित, आदिवासी, वंचित, गरीब, महिलाओं सभी के साथ खड़े रहें और उनकी आशाओं-आकांक्षाओं को सहारा दें। उन्होने बीजेपी सरकार की विभिन्न योजनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि हम हर वर्ग के साथ हर समय पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं। उन्होने कहा कि सागर एक ऐसा जिला है जिसके नाम में तो सागर है ही लेकिन इसकी पहचान लाखा बंजारा झील से भी होती है। दलित बस्तियों, पिछड़े इलाकों, आदिवासी क्षेत्रों में हम पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हर जिले में अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। ये सामाजिक समरसता का केंद्र बनेंगे। आज हर वर्ग को उचित सम्मान और नए अवसर देने के लिए बीजेपी सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होने कहा कि न इस समाज के लोग कमजोर हैं न इनका इतिहास कमजोर है। आज इनकी विरासत तो गर्व के साथ सहेजा जा रहा है। उन्होने कहा कि संत शिरोमणि रविदास सहित आदिवासी और दलित समाज के अन्य सभी नायकों का नाम अमर रहे इसके लिए हम विभिन्न स्थानों का नामकरण उनके नाम पर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास की यात्रा में संत रविदास की शिक्षाएं हमें एकजुट करती रहेगी। हम सब मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे, ये संकल्प मिलकर दोहराते हैं।

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