'पांच मिनट के लिए लगा हम जिंदा नहीं बचेंगे', तिरुपति भगदड़ में बाल-बाल बची महिला श्रद्धालु की आपबीती
तिरुपति मंदिर में बुधवार शाम को मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 40 घायल हो गए। बाल-बाल बची एक महिला श्रद्धालु ने भगदड़ की आपबीती बयां करते हुए कहा कि पांच मिनट के लिए तो हमें यह लगा कि हम नहीं बच पाएंगे। पिछले 25 साल से मंदिर आ रही हूं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। मंदिर में हुई भगदड़ में
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तिरुपति (आरएनआई) आंध्र प्रदेश के तिरुमाला हिल्स पर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार शाम को वैकुंठ एकादशी उत्सव शुरू होने से दो दिन पहले मची भगदड़ में बचे श्रद्धालु दशहत में है। एक महिला श्रद्धालु ने भगदड़ की आपबीती बयां करते हुए कहा कि पांच मिनट के लिए तो हमें यह लगा कि हम भी नहीं बच पाएंगे। पिछले 25 साल से मंदिर आ रही हूं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। मंदिर में हुई भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 40 घायल हो गए।
घटना को लेकर कांग्रेस, सीपीआईएम, वाईएसआरसीपी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने भगदड़ के लिए मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (टीटीडी) को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही दर्शन के लिए भक्तों को घंटों इंतजार कराने और अचानक गेट खोलने का भी मुद्दा उठाया।
मंदिर में दर्शन करने आईं लक्ष्मी भी भगदड़ का शिकार हुईं। उन्होंने कहा कि पांच मिनट के लिए हमें लगा कि हम सभी मर चुके हैं। मैं पिछले 25 सालों से मंदिर आ रही हूं और ऐसा कभी नहीं हुआ।छह लड़कों ने उसे एक तरफ खींचा और पीने के लिए थोड़ा पानी दिया। लक्ष्मी ने बताया कि अचानक लोग आगे बढ़े और जहां वह खड़ी थी वहां 10 लोग गिर गए।
लक्ष्मी ने कहा कि मैं चिल्ला रही थी कि मैं गिर रही हूं, लेकिन लोग पीछे से भागकर आ रहे थे। लोग बेकाबू हो चुके थे। वे भक्तों के ऊपर से गुजर रहे थे। मैं काफी देर तक सांस भी नहीं ले पा रही थी। कोई कुछ सुन ही नहीं रहा था। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने भक्तों को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ने दिया होता, तो ऐसा नहीं होता।
एक दूसरी भक्त ने कहा कि वह सुबह सुबह 11 बजे मंदिर आई थी। शाम 7 बजे गेट खोला गया था। एक व्यक्ति ने भक्तों से कहा कि वे जल्दबाजी न करें और लाइन में न जाएं, लेकिन कौन सुनेगा? पुलिस बाहर थी, अंदर नहीं। एक और श्रद्धालु ने कहा कि पुलिस को 5,000 भक्तों के आने की जानकारी दी गई थी। पुलिस ने अचानक गेट खोल दिया। जिससे भगदड़ मच गई।
मंदिर में भगदड़ की घटना पर दुख जताते हुए वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सरकार से घायलों की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था कराने के लिए कहा। उन्होंने घटनास्थल पर व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की।
आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने मंदिर प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (टीटीडी) को भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और घटना की तत्काल जांच की मांग की। उन्होंने सरकार से शोक संतप्त परिवार के सदस्यों की मदद करने की मांग की। वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष कोलानुकोंडा शिवाजी ने टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू के तत्काल इस्तीफे और मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को टीटीडी में नौकरी देने की मांग की।
घटना को लेकर सीपीएम के नेता ने कहा कि मंदिर में हर साल इस वक्त लाखों लोग मंदिर में आते हैं। लेकिन फिर भी कोई इंतजाम नहीं किया गया। सीपीएम नेता ने कहा कि टीटीडी रोज चर्चा कर रहा था तो ऐसा लग रहा था कि कुछ किया जा रहा है, लेकिन जब भक्त आए, तो यह क्या हो गया? बैकुंठ एकादशी कोई नई बात नहीं है और ऐसे भी उदाहरण हैं जब भक्त भीड़ और धक्का-मुक्की करते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई।उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। सरकार की गैरजिम्मेदारी और जिला प्रशासन की विफलता के चलते घटना हुई है।
तिरुपति मंदिर में बुधवार को दर्शन के लिए भीड़ उमड़ी। दर्शन के कतार में खड़ी महिला जब अस्वस्थ महसूस कर रही तो उसकी मदद के लिए गेट खोला गया। इस वक्त भीड़ एक साथ आगे बढ़ गई और अफरा-तफरी मच गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए।
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