पहली बार बदले नियमों के तहत होगी नए सीईसी की नियुक्ति; सुप्रीम कोर्ट नए कानून पर करेगा विचार

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद, नए कानून के तहत पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी।

Jan 11, 2025 - 16:00
 0  432
पहली बार बदले नियमों के तहत होगी नए सीईसी की नियुक्ति; सुप्रीम कोर्ट नए कानून पर करेगा विचार

नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली में चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने की तारीख भी करीब आ रही है। दिल्ली में मतदान और नतीजों के आने के कुछ दिन बाद ही सीईसी अपने पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में, राजीव कुमार के बाद पहली बार नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति बदले नियमों के तहत होगी। पहले मुख्य चुनाव आयुक्त के पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भी होते थे। मगर नए कानून में सीजेआई को पैनल से बाहर रखा गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की नजर अब इसी नए कानून पर होगी। इस कानून की वैधता को चुनौती दी गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, जो दिसंबर 2023 में लागू हुआ, का पहला उपयोग मार्च 2024 में हुआ था, जब ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। यह नियुक्ति अरुण गोयल के इस्तीफे और अनुप चंद्र पांडे के सेवानिवृत्त होने के बाद हुई थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को 65 वर्ष की आयु पूरी करने के साथ ही पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद, नए कानून के तहत पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी।

नए कानून के लागू होने से पहले, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सिफारिश पर की जाती थी। परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर पदोन्नत कर दिया जाता था। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति नए चुनाव आयुक्त पर फैसला करेगी।

ज्ञानेश कुमार और संधू में से किसी को चुना जाएगा। ज्ञानेश का कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है, जब वे 65 वर्ष के हो जाएंगे। कानून के अनुसार, कानून मंत्री की अध्यक्षता वाली एक खोज समिति जिसमें दो केंद्रीय सचिव शामिल होंगे, चयन समिति के लिए पांच नामों का एक पैनल तैयार करेगी। चयन समिति, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे। इसमें प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल होंगे, राष्ट्रपति को मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए एक नाम की सिफारिश करेगी।

कानून की धारा छह के अनुसार, चयन समिति के पास उन लोगों पर भी विचार करने का अधिकार है, जिन्हें कानून मंत्री के नेतृत्व वाली खोज समिति द्वारा शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया है। सीईसी और चुनाव आयुक्तों पर 1991 का कानून उनके वेतन और सेवा शर्तों से संबंधित था, लेकिन नियुक्ति की विधि से संबंधित नहीं था।

दो मार्च, 2023 के अपने फैसले में न्यायमूर्ति केएम जोसेफ (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सीजेआई को शामिल करते हुए एक पैनल का गठन किया था।इसने कहा था कि जब तक नियुक्तियों पर कानून नहीं बन जाता, तब तक पैनल द्वारा तय कॉलेजियम मान्य रहेगा। बाद में, जब सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) विधेयक लेकर आई, तो उसने सीजेआई की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल कर दिया, जिसका नाम चयन पैनल में प्रधानमंत्री द्वारा रखा जाएगा।

चयन समिति की संरचना में बदलाव को चुनौती दी गई है। मामले को चार फरवरी के लिए स्थगित करते हुए, शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि वह देखेगी कि किसके विचार सर्वोच्च हैं। न्यायालय ने इस पर प्रकाश डाला कि यह अनुच्छेद 141 के तहत न्यायालय की राय बनाम कानून बनाने की विधायी शक्ति होगी।

Follow   RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.