'पटाखे फोड़ते समय उस कमरे में गिरी चिंगारी, जहां...', एसपी ने बताई केरल के दर्दनाक हादसे के पीछे की वजह
सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात को कासरगोड जिले के नीलेश्वरम के पास 'अंजूतामबलम वीरकावु मंदिर' में उत्सव के दौरान आतिशबाजी में विस्फोट होने से कम से कम 154 लोग घायल हो गए, जिनमें से आठ गंभीर रूप से घायल हैं।
कासरगोड (आरएनआई) दिवाली के उत्सव से पहले केरल के कासरगोड में हुए भयावह हादसे को लेकर पुलिस लगातार जांच पड़ताल कर रही है। अभी तक तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ चल रही है। अधिकारी ने बताया कि अभी तक मंदिर से जुड़े लोगों की चूक सामने आई है।
कासरगोड जिले की एसपी डी शिल्पा ने कहा, 'पटाखे फोड़ते समय एक चिंगारी उस कमरे में जा गिरी, जहां पटाखे रखे हुए थे। इसलिए विस्फोट वहीं हुआ है। चूंकि लोग उस कमरे के बहुत पास बैठे हुए थे, इसलिए कई लोग घायल हो गए। यही बात अब तक हमारी समझ में आई है, लेकिन और जांच की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा, 'मंदिर अधिकारियों ने कई बदलाव किए हैं, जिनके बारे में उन्होंने हमें नहीं बताया। सबसे पहले, उन्होंने लाइसेंस नहीं लिया और उन्होंने हमें पटाखों के इस्तेमाल के बारे में नहीं बताया। उन्होंने किसी को नहीं बताया कि उस कमरे में पटाखे रखे गए हैं और उन्होंने लोगों को वहां बैठने दिया। इसलिए, मंदिर अधिकारियों की ओर से चूक हुई है। हम एक व्यापक जांच कर रहे हैं।'
अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त एसपी जांच दल का नेतृत्व करेंगे। वह जांच करने के बाद एक रिपोर्ट जमा करेंगे। अगर कोई चूक हुई है, तो कार्रवाई की जाएगी। अभी हमारे पास तीन लोग हिरासत में हैं। हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं, यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हुआ है और उसके बाद गिरफ्तारी दिखाई जाएगी।'
सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात को कासरगोड जिले के नीलेश्वरम के पास 'अंजूतामबलम वीरकावु मंदिर' में उत्सव के दौरान आतिशबाजी में विस्फोट होने से कम से कम 154 लोग घायल हो गए, जिनमें से आठ गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस के अनुसार, यह दुर्घटना वार्षिक अनुष्ठान कार्यक्रम 'कलियाट्टम' के दौरान हुई, जिसे 'थेय्यम' के नाम से भी जाना जाता है। इस अनुष्ठान कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए थे। विस्फोट उस वक्त हुआ जब पटाखों को स्टोर करने वाले शेड के अंदर चिंगारी गिरी, जिसे पटाखों के पूरे भंडारण में आग लग गई और तेज धमाका हुआ। पटाखा भंडारण की जगह आतिशबाजी की जगह से 100 मीटर दूरी पर थी। पुलिस ने बताया कि जब आतिशबाजी हो रही थी तो एक चिंगारी पटाखा भंडारण वाली जगह गिरी और उससे धमाका हो गया। इस हादसे में कई लोग झुलस गए।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मंदिर समिति के आठ सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बिना अनुमति के आतिशबाजी करने और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में मंदिर समिति के सदस्यों के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एफआईआर में कहा गया है कि लापरवाही के कारण आतिशबाजी भंडारण क्षेत्र में आग लग गई। हादसे में घायल हुए एक व्यक्ति के परिजन ने बताया कि मंदिर में उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा थे, जैसे ही आतिशबाजी शुरू हुई तो एक चिंगारी से पटाखों के भंडारण में आग लग गई। इससे भगदड़ की स्थिति बन गई।
हादसे की जगह फोरेंसिक अधिकारियों, बम डिस्पोजल स्कवॉड और डॉग स्कवॉड ने जांच की और सबूत इकट्ठा किए। घायलों का इलाज कुन्नूर के एमआईएमएस अस्पताल में भी चल रहा है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर जिनेश वीथिलाकथ ने बताया कि नीलेश्वर मंदिर में घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां 30 मरीजों को लाया गया था। इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर है। इस मामले में आगे की जांच हो रही है।
कासरगोड की घटना पर पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अल्फांसे ने कहा कि 'कासरगोड जिले में कलियट्टम त्योहार काफी प्रसिद्ध है और यह जिले के सभी मंदिरों में मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान आतिशबाजी की जाती है। कल की घटना में पटाखा भंडारण जगह से कुछ ही दूरी पर पटाखे फोड़े जा रहे थे और कई लोग इसके आसपास थे। यह पुलिस की असफलता है। घटना में 150 के करीब लोग घायल हुए हैं और उनमें से 15 की हालत गंभीर है। केरल में ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं? यह राज्य सरकार और पुलिस की बड़ी असफलता है। साथ ही मंदिर प्रशासकों की भी गलती है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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