पंबन क्षेत्र से 14 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार, श्रीलंकाई नौसेना की बड़ी कार्रवाई
श्रीलंकाई नौसेना ने इस साल अब तक लगभग 150 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने वाली 18 नौकाओं को जब्त किया है।

रामेश्वरम (आरएनआई) श्रीलंकाई नौसेना ने सीमा पार से मछली पकड़ने के आरोप में पंबन क्षेत्र से 14 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। रामेश्वरम मछुआरा संघ ने बताया कि उन्हें जांच के लिए मन्नार नौसैनिक अड्डे पर ले गई है। इससे पहले पिछले महीने यानी 23 फरवरी को श्रीलंकाई अधिकारियों ने द्वीप राष्ट्र के जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने मछली पकड़ने वाली उनकी पांच नौकाएं भी जब्त की थीं। श्रीलंकाई नौसेना ने एक बयान में कहा था कि इन लोगों को मन्नार के उत्तर में समुद्री क्षेत्र में एक विशेष अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने 23 फरवरी को 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान उनके जलक्षेत्र में कथित रूप से घुसने के आरोप में 5 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त कर लिया था। इस साल अब तक नौसेना ने श्रीलंकाई जलक्षेत्र में कथित रूप से मछली पकड़ने के लिए जबरन घुसने के आरोप में 140 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। श्रीलंकाई नौसेना ने कहा कि उन्होंने 2024 में 550 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था।
मछुआरों का मुद्दा भारत और श्रीलंका के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। इस बीच खबर आई थी कि श्रीलंकाई नौसेना के कर्मियों ने पाक जलडमरूमध्य क्षेत्र में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी भी की थी और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने की कई कथित घटनाओं में उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया था।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र से इस मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए तत्काल संयुक्त कार्य समूह गठित करने का आग्रह किया था। स्टालिन ने अपने पत्र में कहा था, 'मैं यह पत्र गहरी पीड़ा के साथ लिख रहा हूं, क्योंकि हाल के दिनों में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को पकड़े जाने की घटनाओं की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। नवीनतम घटना में 23 फरवरी को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 32 मछुआरों को उनकी पांच मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं के साथ पकड़ा गया है। ये मछुआरे 22 फरवरी को रामेश्वरम बंदरगाह से निकले थे। इसलिए मैं एक बार फिर इस लंबे समय से लंबित मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए संयुक्त कार्य समूह को तुरंत बुलाने के अपने पिछले अनुरोध को दोहराता हूं। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन आशंकाओं के कारण हमारे मछुआरों के परिवारों की आजीविका गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
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