पंजाब में रुकेगी टैक्स चोरी: 9.48 लाख संपत्तियों का ड्रोन से होगा सर्वे
विभाग ने 9.48 लाख आवासीय, व्यावसायिक व औद्योगिक संपत्तियों का ये सर्वे करवाना है, जिसके लिए एसओपी तैयार करके उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। विभाग ने होशियारपुर नगर निगम का जीआईएस मैपिंग सर्वे खुद पूरा किया था। यही कारण है कि अब बाकी का सर्वे नगर निकाय अपने स्तर पर ही पूरे करेंगे, जिसके लिए ही मानक संचालन प्रक्रिया बनाने का फैसला लिया गया है।
चंडीगढ़ (आरएनआई) पंजाब सरकार की तरफ से राज्य की 9.48 लाख संपत्तियों का जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित मैपिंग सर्वे करवाया जाएगा। ड्रोन से सर्वे का काम पूरा किया जाएगा।
इस संबंध में पंजाब म्युनिसिपल इन्फ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट कंपनी की तरफ से 126 नगर निकायों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इसकी मंजूरी के साथ ही सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा। सर्वे का काम पूरा होने के बाद कोई भी संपत्ति कर की चोरी नहीं कर पाएगा।
अभी फिलहाल संपत्ति कर बचने के लिए लोग अपने मकान को छोटा व व्यावसायिक को आवासीय संपत्ति बता देते हैं। इस कारण सरकार को कर राजस्व से हाथ धोना पड़ता है। जीआईएस मैपिंग सर्वे पूरा होने के बाद ये प्रक्रिया पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
विभाग की तरफ से तैयार की गई एसओपी के अनुसार ड्रोन से सभी संपत्तियों का सर्वे किया जाएगा। ड्रोन के बाद विभाग की टीमों की तरफ से डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा। दोनों सर्वे को जोड़कर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इससे सभी संपत्तियों का सही जानकारी पोर्टल पर दिखाई देगी। इससे ठीक संपत्ति कर निकालने में मदद मिलेगी। इसके अलावा किसी भी तरह कई नई पॉलिसी बनाने व नई परियोजना लाने में भी विभाग को फायदा होगा।
विभाग की तरफ से प्रमुख रूप से जिन जिलों के नगर निकायों में ये काम शुरू करना हैं, उसमें 74 नगर परिषद व 52 नगर पंचायतें शामिल हैं। इनमें अमृतसर के 7 नगर निकाय, गुरदासपुर के 6, पठानकोट के 6, बठिंडा के 16, मानसा के 6, श्री मुक्तसर साहिब के 2, फरीदकोट के 1, फजिल्का के 2, फिरोजपुर के 7, मोगा के 6, होशियारपुर के 9, जालंधर के 11, कपूरथला के 5, शहीद भगत सिंह नगर के 3, फतेहगढ़ साहिब के 4, लुधियाना के 8, रूपनगर के 3, बरनाला के 4, पटियाला के 6, संगरूर के 8, मोहाली के 4 व मालेरकोटला के 2 नगर निकाय शामिल हैं।
जीआईएस आधारित मैपिंग सर्वे में पानी व सीवरेज की पाइप लाइन का भी सर्वे किया जाएगा। किस एरिया से पाइप लाइन गुजर रही है, ये पोर्टल पर दिखाई देगा। इससे कोई भी नई परियोजना शुरू करने से पहले नगर निकाय पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे कि पानी व सीवरेज लाइन कहां से गुजर रही है। इसी तरह ग्रीन एरिया को भी लेकर सर्वे होगा। जिस एरिया में पेड़ कम होंगे, मैप पर उसे हीट एरिया दिखाया जाएगा। इससे स्थानीय निकाय संबंधित एरिया में अधिक पौधरोपण के लिए काम कर सकेंगे।
जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) एक भू-विज्ञान सूचना प्रणाली है। यह संरचनात्मक डाटा बेस पर आधारित है। यह भौगोलिक सूचनाओं के आधार पर जानकारी प्रदान करती है। संरचनात्मक डाटाबेस तैयार करने के लिए वीडियो, भौगोलिक फोटोग्राफ और जानकारियों के आधार का कार्य किया जाता है। ड्रोन के जरिये नगर निगम क्षेत्र का सर्वे किया जाता है।
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