पंजाब के सात जिलों में 24 तक इंटरनेट सेवा ठप
फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी व कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर अड़े पंजाब के किसान संगठन शनिवार को पांचवें दिन भी शंभू और दातासिंह वाला सीमा पर डटे रहे। आज चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की बातचीत होगी।
चंडीगढ़ (आरएनआई) हिसार में किसान नेताओं के आह्वान पर रविवार को विभिन्न गांव से किसान गांव खेड़ी चौपटा में जुटना शुरू हो गए हैं। बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि किसानों का काफिला शंभू बॉर्डर की तरफ रवाना होगा या किसान दिल्ली की और कूच करेंगे। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुरेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह करीब 50 किसानों के साथ दिल्ली की तरफ कूच कर रहे थे। इससे पहले शनिवार को जिले के किसानों ने राजली गांव में बैठक की थी इस बैठक में फैसला किया गया था कि जिले के हजारों किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर गांव खेड़ी चौपटा में एकत्रित होंगे। इसके अलावा गांव मतलोडा में भी 14 ग्रामी पूनिया खाप ने बैठक कर किसानों से खेड़ी चौपटा में एकजुट होने का आह्वान किया था।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि किसानों की एमएसपी और आय को डबल कर दिया जाएगा, इससे बड़ा झूठ दुनिया में है क्या?
पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच वार्ता में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मध्यस्थता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने किसानों को केंद्र सरकार से सीधे बातचीत करने की सलाह दी है। अब तक किसान आंदोलन पर चुपपी साधे रहे जाखड़ ने मीडिया से बातचीत के दौरान किसानों को दिल्ली मार्च से रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि किसानों में कुछ उपद्रवी लोग मिलकर हिंसा कर रहे हैं। उन्हें नहीं लगता कि अगर किसान शांतिपूर्ण हैं तो सरकारें उनके आंदोलन पर इस तरह के प्रतिबंध लगाती। जाखड़ ने भगवंत मान का नाम लिए बिना कहा कि बातचीत में मध्यस्थता करने वालों के निहित स्वार्थ हैं और उन्हें मुद्दों को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थों ने खुद सत्ता में आने पर फसलों पर एमएसपी देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों का बातचीत ही एकमात्र समाधान है।
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर आज हमारा छठा दिन है। आज हम सरकार से बातचीत भी कर रहे हैं। सरकार ने कुछ समय मांगा है और कहा है कि वह इस मामले पर चर्चा करेगी। सरकार को इस पर अध्यादेश लाना चाहिए। उससे कम हमें मंजूर नहीं।
किसानों के हक में बॉर्डर के आसपास लगते गांवों के लोग व गुरुद्वारों से भी कमेटियों के नुमाइंदे सामने आ रहे हैं। गुरदासपुर से पहुंचे किसान जरनैल सिंह, अमृतसर के गांव पंधेर कलां के बलविंदर सिंह 70 ने कहा कि किसानों के पास छह महीने का राशन मौजूद है, लेकिन अब तक लंगर बनाने की जरूरत बहुत कम पड़ी है। गुरुद्वारा कमेटियां व आसपास के ग्रामीण दूध से लेकर सब्जी रोटी, लस्सी, मिठाई, फल व पानी का लंगर लेकर रोज पहुंच रहे हैं।
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की वार्ता पर सबकी नजर है। सरकार की तरफ से वार्ता में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे। किसानों की तरफ से उनके संगठन के नेता शामिल होंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी वार्ता में हिस्सा लेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में कोई समाधान निकल सकता है।
वार्ता से एक दिन पहले किसान नेताओं- जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण पंधेर ने एमएसपी की कानूनी गारंटी पर अध्यादेश लाने की मांग कर टेंशन बढ़ा दी है। शंभू सीमा पर इन नेताओं ने कर्जमाफी और बिजली अधिनियम रद्द करने की मांग की।
सीमाओं पर किलेबंदी के चलते दिल्ली कूच की रणनीति विफल होते देख किसान संगठनों ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पूर्व मंत्री केवल सिंह ढिल्लों के आवास के बाहर तंबू गाड़कर धरना दिया। धरना दो दिन तक चलेगा। प्रदर्शन के बाद पटियाला में कैप्टन के आवास मोती महल के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है।
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