न्यू-इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक हुआ बैन, खाताधारक परेशान…कैसे निकलेगा आपका पैसा
आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीनों के लिए बैन लगा दिया है। ग्राहक परेशान हैं। रो रहे हैं। अगर आपका भी इस बैंक में खाता है, तो आइए आपको बताते हैं कि अभी कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं।

नई दिल्ली (आरएनआई) भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू-इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। रेगुलेटरी बैंक आरबीआई ने बैंक के 26 ब्रांचों पर बैन लगा दिया है, जिसके बाद से ही लाखों ग्राहक परेशान हैं। आरबीआई ने 6 महीने के लिए बैंक से लेन देन और बैंक की ओर से प्रोवाइड की जाने वाली लोन की सुविधा पर पूरी तरीके से बैन लगा दिया है।
आरबीआई के इस फैसले के बाद से ग्राहक काफी परेशान हैं। बैंक की शाखाओं पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है। लोग परेशान है। लोगों के मेहनत की कमाई अटक गई है। बैंक के सामने मौजूद लोगों से बात की। कोई शटर तोड़ कर बैंक में घुसने की कोशिश कर रहा है, तो कोई फूट फूट कर रो रहा है। मौके पर मौजूद एक महिला का रो-रो कर बुरा हाल है। वह बस इतना बोल पा रही है कि मेरी बेटी के पढ़ाई के पैसे डूब गए। किसी के 1 लाख रुपये हैं किसी के रिटायरमेंट के 20 लाख रुपये हैं तो कई सारी सोसायटी का 40 से 50 लाख इस बैंक में फंस गया है। अगर आपका भी इस बैंक में अकाउंट है, तो आइए आपको बताते हैं कि आपके पास क्या विकल्प हैं।
बैंक के बंद होने के बाद से ही लोग अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे को निकालने के लिए चिंतित हैं। उन्हें चिंता है कि उनके पैसों का क्या होगा। बैंक के कर्मचारी लगातार बाहर निकल कर लोगों को समझा रहे हैं। लेकिन लोगों का कहना है कि उनकी एफडी का क्या होगा। उनकी पेंशन का क्या होगा। बैंक ने लोगों की सुविधा के लिए व्हाट्सऐप नंबर 9769008501 जारी किया है। जिस पर ग्राहक मैसेज करके जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा बैंक लॉकर का एक्सेस दे रही है। आरबीआई के नियम के मुताबिक ग्राहक बैंक से सिर्फ 5 लाख तक अब निकाल सकते है और लॉकर के पैसे को निकाल सकते हैं।
आरबीआई ने साफ किया है कि, 13 फरवरी, 2025 को बैंक के कारोबार बंद होने के बाद से बैंक बिना उसके अनुमति के ना को कोई लोन या एडवांस रकम देगा या उसका रिन्यूएल करेगा। साथ ही ना कोई बैंक को निवेश की इजाजत होगी और ना डिपॉजिट स्वीकार करने सहित कोई भी देनदारी नहीं लेगा। आरबीआई ने कहा कि बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से सुपरवाइजरी चिंताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। पात्रता रखने वाले डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपये तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने के हकदार होंगे।
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