नौ दिनों में 1400 करोड़ ठगे; पुलिस को पता चलने से पहले देश से भागा चीनी नागरिक
रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात पुलिस ने ठगी की खबर मिलने के बाद इस घटना का खुलासा करने के लिए एसआईटी टीम गठित की। पुलिस की तहकीकात में चीन के शेनझेन क्षेत्र के रहने वाले वू उयानबे नाम सामने आया। इस शख्स पर गुजरात के पाटन और बनासकांठा जिले में लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है।
गुजरात पुलिस ने डिजिटल तरीके से धोखाधड़ी करने के एक चौंकाने वाले मामले का खुलासा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक चीनी नागरिक ने भारत पहुंच गुजरात में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक फुटबॉल सट्टेबाजी का ऐप बनाया। इस एप का इस्तेमाल कर उत्तरी गुजरात के 1,200 पीड़ितों को फंसाकर, उनसे लगभग 1,400 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। ठगी के इस पूरे खेल को महज नौ दिनों के अंदर अंजाम दिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात पुलिस ने ठगी की खबर मिलने के बाद इस घटना का खुलासा करने के लिए एसआईटी टीम गठित की। पुलिस की तहकीकात में चीन के शेनझेन क्षेत्र के रहने वाले वू उयानबे नाम सामने आया। इस शख्स पर गुजरात के पाटन और बनासकांठा जिले में लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है। सीआईडी (अपराध) अधिकारियों ने कहा कि उन्हें जून 2022 में धोखाधड़ी के बारे में पता चला तब उन्होंने पाया कि कुछ ठग "दानी डेटा" ऐप के माध्यम से गुजरात और उत्तर प्रदेश में लोगों को निशाना बना रहे थे। आगरा पुलिस ने जांच शुरू की और सीआईडी (क्राइम) टीम ने उत्तरी गुजरात में कई लोगों से लिंक का पता लगाया।उन्होंने कहा, 'हमारी जांच के दौरान हमें पता चला कि चीनी नागरिक 2020 और 2022 के बीच भारत में था। उसने पाटन और बनासकांठा में समय बिताया, जहां उन्होंने कई स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उन्हें पैसे का लालच दिया। इसके बाद उसने और गुजरात में उसके अन्य साथियों ने मई 2022 में एप लॉन्च किया। इसने दांव लगाने के लिए लोगों को आमंत्रण दिया और पर्याप्त रिटर्न का वादा किया। अधिकारी ने कहा कि औसतन, उयानबे प्रति दिन 200 करोड़ रुपये की ठगी करने में कामयाब रहा, उसे मुख्य रूप से फुटबॉल गेम के माध्यम से 15 से 75 वर्ष की आयु के लोगों को अपना शिकार बनाया। कुछ समय बाद लोगों को एहसास हुआ कि उनके निवेश किए गए पैसों की हेराफेरी की गई है। सीआईडी (अपराध) साइबर सेल ने बाद में मामले से जुड़े नौ लोगों को गिरफ्तार किया, इन लोगों ने कथित तौर पर मुखौटा कंपनियों की स्थापना करके हवाला नेटवर्क के माध्यम से धन जुटाने में उयंबे की मदद की। हालांकि, पाटन में आईटी अधिनियम के तहत धोखाधड़ी और उल्लंघन के लिए एफआईआर दर्ज करने के बाद अगस्त 2022 में जब तक गुजरात पुलिस हरकत में आई, तब तक साजिशकर्ता गायब हो चुका था, और चीन लौटने के लिए भारत से बाहर निकल चुका था। सीआईडी (अपराध) उयानबे के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा नहीं कर सकी, और राज्य ने अभी तक उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि मास्टरमाइंड चीन के शेन्ज़ेन, हांगकांग और सिंगापुर जैसे पड़ोसी क्षेत्रों में अपने नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। वह अब भी धोखाधड़ी के लिए कई एप का संचालन करता करता है। मार्च में सीआईडी (अपराध) ने इस मामले में आरोपपत्र दायर किया था।
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