नेकां उपाध्यक्ष उमर का रुख नरम, कहा- अनुच्छेद-370 पर लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद-370 पर लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते। इस एजेंडे को लेकर हम केंद्र सरकार के साथ आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि जिन्होंने 370 छीना है, उनसे वापसी की उम्मीद नहीं रखी जा सकती।
जम्मू (आरएनआई) जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने पर अनुच्छेद-370 और 35ए की बहाली का वादा करने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के सुर नरम पड़ गए। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 पर लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते। इस एजेंडे को लेकर हम केंद्र सरकार के साथ आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि जिन्होंने 370 छीना है, उनसे वापसी की उम्मीद नहीं रखी जा सकती। फिलहाल इस मसले को किनारे रख हमारी प्राथमिकता केंद्र से बेहतर समन्वय बनाकर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कराना होगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस व कांग्रेस गठबंधन के भावी मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि हम अनुच्छेद-370 को हमेशा जिंदा रखेंगे। यह हमारे लिए कल भी मुद्दा था, आज भी है और आगे भी रहेगा। लेकिन जिन लोगों ने इसे छीना, अगर हम उन्हीं से इसे वापस पाने की उम्मीद करेंगे, तो यह लोगों को धोखा देने के बराबर होगा और हम धोखा देने के लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश में लोकतंत्र है। सरकार आती-जाती रहती है। हम उम्मीद करेंगे कि आज नहीं तो कल, मुल्क में हुकूमत बदलेगी, निजाम बदलेगा। ऐसी हुकूमत आएगी, जिसके साथ हम चर्चा कर इस अनुच्छेद को बहाल करेंगे, लेकिन मौजूदा हुकूमत से इसे लेकर किसी भी प्रकार की उम्मीद लगाना उचित नहीं है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक दल की बैठक बृहस्पतिवार को श्रीनगर में पार्टी प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर होगी। इसमें उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुने जाने पर सहमति बनना लगभग तय है। इसके बाद गठबंधन के सहयोगियों के साथ बैठक होगी और फिर अगले सप्ताह तक उपराज्यपाल के समक्ष सरकार बनने का दावा पेश किया जाएगा।
उमर ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी सम्मानित व्यक्ति हैं। उन्होंने जनता से राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। यह वादा किसी पार्टी से नहीं है। गृह मंत्री ने भी ऐसा ही दोहराया है। सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित करना होगी। हम वादे पूरा करने के लिए देश के शीर्ष नेतृत्व के पास संकल्प के साथ जाएंगे।
उमर ने कहा, हम केंद्र से शत्रुतापूर्ण संबंध नहीं चाहते। केंद्र भी ऐसा नहीं चाहता होगा। राज्य पहले ही परेशानियों से घिरा है। आसपास शत्रु पड़ोसी हैं। केंद्र से दुश्मनी न सिर्फ राज्य के विकास, बल्कि जनहित में भी नहीं है। सरकार बनने पर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री व अन्य नेताओं से बातचीत करेंगे, तो अच्छा कामकाजी माहौल बनेगा।
उमर ने कहा, दुर्भाग्य है कि मौजूदा उपराज्यपाल से हमारे ऐसे संबंध नहीं हैं। हमें नए सिरे से शुरूआत करनी होगी, ताकि राजभवन के साथ भी अच्छे कामकाज का रिश्ता बना सकें और प्रदेश का विकास हो सके।
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