निजी स्कूलों के छात्रों-शिक्षकों को सौंपी जाएगी साक्षरता की जिम्मेदारी, कलेक्टरों को निर्देश जारी
भोपाल। मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। राज्य सरकार ने सभी निजी स्कूलों को नव भारत साक्षरता कार्यक्रम से जोड़ने का फैसला किया है, इसमें शिक्षकों और छात्रों द्वारा शिक्षित किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेशभर के कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत अब प्रदेश के निजी स्कूल अपने आस-पास के एक गांव, वार्ड या फिर मोहल्ले को गोद लेंगे और फिर गोद लिए गए इन गांवों और मोहल्ले के असाक्षर लोगों को साक्षर बनाने की दिशा में शिक्षक और विद्यार्थी अहम भूमिका निभाएंगे, इसके लिए बकायदा शिक्षक और छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
असाक्षर व्यक्ति को पठन-पाठन कराने वाले को अक्षर साथी नाम दिया जाएगा।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेशभर के कलेक्टर्स जारी आदेश में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में सभी सरकारी स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थियों से मदद ली जा रही है, अब साक्षरता कार्यक्रम में सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रदेश में संचालित सभी निजी स्कूलों के शिक्षक और विद्यार्थियों का सहयोग भी लिया जाएगा।इसमें प्रदेश में असाक्षर व्यक्ति को पठन-पाठन कराने वाले को अक्षर साथी नाम दिया गया है।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अध्याय 21 के प्रविधानों के अनुसार प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए 15 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के असाक्षरों को नवसाक्षर करने के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
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