निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर भाजपा-सपा में जुबानी जंग तेज

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराने के अदालती फैसले के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्‍य के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

Dec 28, 2022 - 18:30
 0  567
निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर भाजपा-सपा में जुबानी जंग तेज
सपा-भाजपा

लखनऊ, 28 दिसंबर 2022, (आरएनआई)। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराने के अदालती फैसले के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्‍य के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर तीखा प्रहार करते हुए बुधवार को दावा किया कि निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिलना और सपा का सफाया होना तय है।

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ का फैसला आने के बाद मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्‍यसभा सदस्‍य प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने राज्‍य के पिछड़ा वर्ग के मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था, “निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण। उत्तर प्रदेश सरकार की साजिश। तथ्य न्यायालय के समक्ष जानबूझकर प्रस्तुत नहीं किए। उत्तर प्रदेश की 60 फीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित किया। ओबीसी मंत्रियों के मुंह पर ताले। मौर्या (केशव प्रसाद मौर्य) की स्थिति बंधुआ मजदूर जैसी!”

जवाब में बुधवार को उप मुख्यमंत्री मौर्य ने ट्वीट किया, “सपा और सैफई परिवार को पिछड़े वर्ग का एक उपमुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं हो रहा है। अखिलेश यादव सहित सैफई परिवार और उनकी पार्टी के नेता मेरे प्रति कितने अपमानजनक व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हैं, यह सर्वविदित है।” इसी ट्वीट में उन्होंने दावा किया, “निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिलना और सपा का सफाया होना तय है।”

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसके साथ ही पीठ ने राज्य सरकार एवं राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया कि पिछड़ा वर्ग की सीटों को सामान्य करते हुए स्थानीय निकाय चुनाव को 31 जनवरी 2023 तक संपन्न करा लिया जाए।

न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था। इस फैसले से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्‍ता साफ हो गया था।

हालांकि, अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा है कि इस मामले में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा प्रदान किए जाने के बाद ही नगर निकाय चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय में भी अपील करेगी।

यह फैसला आने के बाद सपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली आंसू बहा रही है।

उन्होंने ट्वीट किया था, “भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक छीना है, कल भाजपा बाबा साहेब द्वारा दिया गया दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।”

उन्होंने पिछड़ों व दलितों से आरक्षण को बचाने की लड़ाई में सपा का साथ देने की अपील की थी।

वहीं, मौर्य ने फैसला आने के बाद ट्वीट कर कहा था, “नगर निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, लेकिन पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”

मौर्य ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि सपा का चरित्र पिछड़े वर्ग के साथ धोखा करने का है और पार्टी कभी पिछड़ों का भला नहीं कर सकती। उन्होंने दोहराया कि आरक्षण के बिना निकाय चुनाव नहीं होगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.