"ना पिछला पता ना अगला, और वर्तमान में लापता" मानव किस ओर जा रहा है : प्रपन्नाचार्य जी
गुना (आरएनआई) बजरंगढ़ स्थित आचार्य कुटी गौशाला में धर्मगंगा बह रही है। कथा का वचन श्री राम प्रपन्नाचार्य जी वृंदावन की श्री मुख से किया जा रहा है। कथा की द्वितीय दिवस के प्रसंग में उन्होंने मानव जीवन का महत्व बताते हुए व्यक्ति की दिनचर्या कैसे होना चाहिए इस पर प्रकाश डालटे हुए कहा कि व्यक्ति को सात्विक जीवन जीना चाहिए, भूख विलास की वस्तुओं से अपनी इंद्रियों को बस में रखते हुए आध्यात्मिक जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति को वही प्राप्त होता है जो वह चाहता है, यह सात्विक जीवन जीने का सत्य सार है।
उन्होंने कहा कि श्रम तो जानवर व पक्षी भी करते हैं, आपके पूर्व पुण्य कर्मों के कारण ईश्वर ने आपको मानव जीवन मिला है, मन से तप करें।
श्री प्रपन्नाचार्य जी ने कथा कराने वाले लोगों को उसके सुनने का तरीका व महत्व भी बताया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए गौ सेवा परिवार के सदस्य ने बताया कि द्वितीय दिवस पर प्रातः 7 से 12 बजे तक यज्ञ वेदी, पीठ, लक्ष्मीनारायण भगवान का पूजन हुआ। दोपहर 1 बजे से भानु भैयाजी के प्रवचन, 2 से 5 बजे तक कथा का वाचन एवं 26 से 29 दिसम्बर तक शाम 7:30 से 10 :30 बजे तक श्री रासलीला का मंचन होगा।
कथा में मध्य प्रदेश सहित एमपी यूपी, राजस्थान, दिल्ली से भी गुरु के शिष्य कथा श्रवण करने पहुंचे हैं। गौ सेवा परिवार गुना बजरंगगढ़ सभी धर्म प्रेमी बंधुओ से अधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेने की अपील करता है।
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