नागासाकी परमाणु स्मारक समारोह में इस्राइल को न बुलाए जाने पर विवाद, अमेरिकी राजदूत भी नहीं होंगे शामिल
नागासाकी के मेयर ने पिछले हफ्ते एलान किया कि कार्यक्रम के दौरान विरोध, तोड़फोड़ और हमले जैसी आशंका को देखते हुए इस्राइल को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है। मेयर ने कहा कि वह चाहते हैं कि नागासाकी परमाणु बम पीड़ितों को शांतिपूर्ण और गंभीर माहौल में श्रद्धांजलि दी जाए।
टोक्यो (आरएनआई) जापान के नागासाकी में परमाणु बम विस्फोट की याद में बनाए गए स्मारक पर हर साल आयोजित होने वाला समारोह इस बार राजनीति का शिकार हो गया है। नागासाकी के मेयर ने पश्चिम एशिया में जारी हिंसा के चलते इस्राइल को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया है। इस बात से अमेरिका नाराज हो गया है और यही वजह है कि जापान में अमेरिका के राजदूत रहम इमैनुएल ने नागासाकी स्मारक सेवा समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि राजदूत इमैनुएल शुक्रवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। बयान के अनुसार, इस्राइल को आमंत्रित नहीं करने के फैसले से कार्यक्रम का राजनीतिकरण हो गया है। अमेरिका के राजदूत शुक्रवार को नागासाकी जाने के बजाय टोक्यो में ही एक बौद्ध मंदिर में नागासाकी परमाणु बम विस्फोट के पीड़ितों को सम्मानित करेंगे। नागासाकी के मेयर शिरो सुजुकी ने बीते जून में ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि वह नागासाकी परमाणु बम स्मारक सेवा में इस्राइल को आमंत्रित नहीं करेंगे। नागासाकी के मेयर ने पिछले हफ्ते एलान किया कि कार्यक्रम के दौरान विरोध, तोड़फोड़ और हमले जैसी आशंका को देखते हुए इस्राइल को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है। मेयर ने कहा कि वह चाहते हैं कि नागासाकी परमाणु बम पीड़ितों को शांतिपूर्ण और गंभीर माहौल में श्रद्धांजलि दी जाए।
इसके उलट हिरोशिमा में मंगलवार को हुए स्मारक समारोह में जापान में इस्राइल के राजदूत को आमंत्रित किया गया था। हिरोशिमा के कार्यक्रम में अमेरिकी राजदूत समेत कई अन्य देशों के राजदूत भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि हिरोशिमा के कार्यक्रम में फलस्तीन के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया था। नागासाकी के कार्यक्रम में अमेरिका राजदूत के शामिल न होने के साथ ही कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन समेत कई अन्य देश भी अपने निचले स्तर के दूत ही कार्यक्रम में भेज सकते हैं। विभिन्न देशों को राजदूतों ने एक साझा बयान में कहा है कि इस्राइल को कार्यक्रम से बाहर रखने से गलत संदेश जाएगा।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर संयुक्त राज्य अमेरिका परमाणु बम गिराया था, जिससे शहर तबाह गया था। इससे 1,40,000 लोग मारे गए थे। तीन दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया, जिसमें 70,000 लोगों की जान चली गई थी। इन हमलों के बाद जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया।
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