नागपुर हिंसा: 11 क्षेत्रों में कर्फ्यू, तीन डीसीपी समेत 33 पुलिसकर्मी जख्मी; फडणवीस बोले- हिंसा पूर्व नियोजित
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा को पूर्वनियोजित बताया। उन्होंने कहा, जिन्होंने कानून हाथ में लिया और पुलिस पर हमला किया, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। फडणवीस ने विधानसभा में बताया, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए सोमवार को आंदोलन किया था।

मुंबई (आरएनआई) मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर आंदोलन से भड़की हिंसा के बाद नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा में तीन उपायुक्त (डीसीपी) समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि पांच नागरिक भी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने पांच केस दर्ज कर 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण, पर नियंत्रण में है।
मामले में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा को पूर्वनियोजित बताया। उन्होंने कहा, जिन्होंने कानून हाथ में लिया और पुलिस पर हमला किया, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। फडणवीस ने विधानसभा में बताया, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए सोमवार को आंदोलन किया था। इस दौरान घास से बनी प्रतीकात्मक कब्र जलाई थी। अफवाह फैलाई गई कि कब्र के कपड़े पर धार्मिक पाठ लिखा हुआ था।
नमाज के बाद करीब 250 लोगों की भीड़ आग लगा देंगे, के नारे लगाती हुई वहां पहुंची। पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें तितर-बितर किया। उनकी शिकायत पर दोपहर 3:09 बजे केस दर्ज किया गया। कुछ ही समय में इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। शाम 7:30 बजे नागपुर के महाल क्षेत्र में हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया। दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ व आगजनी की। दो जेसीबी मशीन, एक क्रेन सहित अनेक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
नागपुर हिंसा में डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से वार किया गया था। वह गंभीर रूप से घायल हैं। सीएम फडणवीस ने वीडियो कॉल पर उनसे बात की। हिंसा पर काबू पाने के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने अफसरों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया है।
उन्मादी भीड़ पूरी तैयारी से थी। उपद्रवियों ने घरों और क्लिनिक को चिह्नित कर उनमें तोड़फोड़ की व वाहनों में आगजनी की। सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया। उपद्रवी मास्क पहने और हाथों में रॉड लिए हुए थे। हिंसा के तांडव से खौफजदा नागपुर के लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई। लोगों ने बताया कि हिंदूवादी संगठन के औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग के बाद यह हिंसा भड़की।
हिंसा प्रभावित इलाके में ग्रोसरी स्टोर चलाने वाले शरद गुप्ता ने बताया कि सोमवार रात करीब 10:30 बजे दुकान बंद कर खाना खाने बैठे ही थे कि बहुत तेज आवाज आई। मैंने देखा कि लोग कारों में तोड़फोड़ करने के बाद उन्हें आग के हवाले कर रहे थे। तीन लोग किसी घर के दरवाजे पीट रहे थे, लेकिन लोगों के चिल्लाने के बाद वे वहां से भाग गए। शरद ने बताया, जब मैं आग बुझाने के लिए पानी की पाइप लेकर आया तो उन्होंने मुझ पर पत्थरों से हमला किया। मैंने पुलिस को कई बार फोन किया, लेकिन जब उपद्रवी वहां से भाग गए उसके बाद पुलिस वहां पहुंची। एक अन्य निवासी चंद्रकांत कावडे ने बताया कि उपद्रवियों ने पहले सीसीटीवी कैमरे तोड़े फिर रामनवमी शोभायात्रा की सजावट के लिए लाए गए सामानों में आग लगा दी। पुलिस घटना के एक घंटे बाद आई।
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